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Nepal Protest: राष्ट्रपति और Gen Z प्रतिनिधियों के बीच होगी वार्ता, आर्मी चीफ ने की मुलाकात

विरोध प्रदर्शन बढ़ा तो Nepal की सरकार ने सोशल मीडिया से बैन हटा लिया. लेकिन विरोध प्रदर्शन का कारण इतना भर नहीं था. लोगों ने देश में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया.

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सिंह दरबार के बाहर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की तस्वीर फेंकता एक प्रदर्शनकारी. (तस्वीर: AP, 9 सितंबर))

नेपाल में Gen Z युवाओं की अगुवाई में हुए विरोध प्रदर्शन (Nepal Protest) और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, अब प्रदर्शनकारियों से वार्ता की तैयारी चल रही है. नेपाली सेना की पहल पर Gen Z प्रतिनिधियों के साथ, आर्मी चीफ अशोक राज सिगडेल की मुलाकात हुई है. आर्मी चीफ ने प्रदर्शनकारियों की मांगों को जानने के लिए उन्हें बुलाया था. आज यानी 10 सितंबर को आर्मी की मध्यस्थता में राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल के साथ Gen Z प्रतिनिधियों के बीच वार्ता की तैयारी चल रही है.

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इस बीच काठमांडू हवाई अड्डा शाम 6 बजे तक बंद रखने का एलान किया गया है. घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय और निजी हेलीकॉप्टर सेवाओं सहित सभी उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं.

नेपाल में क्या-क्या हुआ?

पड़ोसी देश में लोगों की बीच फुटे गुस्से का तात्कालिक कारण सोशल मीडिया पर लगा बैन था. लेकिन कारण बस इतना भर नहीं था. लोगों ने देश में फैले भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया. भीड़ का आक्रोश देखकर सरकार ने सोशल मीडिया से बैन हटा लिया. लेकिन तब तक देर हो गई थी. युवाओं ने सरकार गिराने का मन बना लिया था. प्रदर्शन उग्र हुआ. लोग हिंसक हो गए. प्रदर्शनकारियों ने संसद, सिंह दरबार (कार्यकारी पीठ) और सुप्रीम कोर्ट को आग के हवाले कर दिया.

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सरकार ने इन लोगों को रोकने की कोशिश की, जिसमें कम से कम 22 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए. इसके बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ा. उन्होंने कई बड़े नेताओं और उनके घरों पर हमला कर दिया. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के घर पर भी हमला हुआ. वित्त मंत्री को सड़क पर दौड़ाया गया. प्रदर्शनकारियों ने देश भर की जेलों में भी धावा बोला और कथित तौर पर लगभग 900 कैदियों को रिहा कर दिया.

देश के हालात काबू से बाहर हो गए, तो सेना ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से इस्तीफा देने को कहा. ओली को इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा कि वो ‘समस्या का समाधान निकालने और इसे राजनीतिक रूप से सुलझाने में मदद करने के लिए’ पद छोड़ रहे हैं. 

पीएम के इस्तीफे के बाद सवाल आया कि अब आगे क्या? आखिर प्रदर्शनकारी चाहते क्या हैं? इसको जानने और आगे की कमान संभालने की जिम्मेदारी आर्मी चीफ ने ली है. उन्होंने युवाओं से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है. राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, जनरल सिगडेल ने कहा,

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हम प्रदर्शनकारी समूह से अपील करते हैं कि वो अपने विरोध प्रदर्शन को रोक दें और राष्ट्र की खातिर शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत के लिए आगे आएं. हमें वर्तमान परिस्थितियों को सामान्य बनाने, अपनी ऐतिहासिक और राष्ट्रीय धरोहरों, सार्वजनिक और निजी संपत्ति की रक्षा करने और आम जनता के साथ-साथ राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.

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हिंसा करने वालों को नेपाली सेना की चेतावनी

नेपाल सेना ने प्रदर्शनकारियों को तोड़फोड़, लूटपाट या आगजनी न करने की चेतावनी दी और कहा कि कुछ समूह अशांति का फायदा उठा रहे हैं. सेना ने जोर देकर कहा कि अगर ऐसी गतिविधियां जारी रहीं, तो सेना समेत सभी सुरक्षा बल व्यवस्था बहाल करने के लिए निर्णायक कदम उठाएंगे.

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