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NEET पेपर लीक: जिस सवाल का जवाब 'गलत' था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने बताया 'सही'

NEET-UG 2024 पेपर लीक केस में एक सवाल पर गरारी अटकी हुई थी. फिज़िक्स सेक्शन का सवाल नंबर 19. अदालत ने इसके लिए IIT दिल्ली के तीन मेंबर्स की एक एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन किया था. अब कमेटी का निष्कर्ष आ गया है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही बताया है.

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NEET की परीक्षा दोबारा करवाने की मांग कराते छात्र.

NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में फ़ैसला आ गया है. चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच का मानना है कि परीक्षा की शुचिता भंग नहीं हुई है, इसलिए दोबारा परीक्षा कराए जाने की ज़रूरत नहीं. माने परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी. हालांकि, इस केस में एक सवाल पर गरारी अटकी हुई थी. फिज़िक्स सेक्शन का सवाल नंबर 19. अदालत ने इसके लिए IIT दिल्ली के तीन मेंबर्स की एक एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन किया था. अब कमेटी का निष्कर्ष आ गया है.

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सवाल क्या था?

फिज़िक्स का सवाल नंबर 19: नीचे दो स्टेटमेंट्स दिए गए हैं.

1. ऐटम इलेक्ट्रिकली न्यूट्रल होते हैं, क्योंकि उनमें पॉज़िटिव और नेगेटिव चार्ज बराबर होता है.
2. हर एलिमेंट के ऐटम स्टेबल होते हैं और ख़ुद अपने कैरेक्टरिस्टिक स्पेक्ट्रम रिलीज करते हैं.

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अब इनमें से सही ऑप्शन चुनिए:

ऑप्शन 1 - पहला स्टेटमेंट सही है लेकिन दूसरा गलत है.
ऑप्शन 2 - पहला स्टेटमेंट ग़लत है लेकिन दूसरा सही है.
ऑप्शन 3 - दोनों सही हैं.
ऑप्शन 4 - दोनों ग़लत हैं.

इसमें बवाल क्या था?

याचिकाकर्ता का दावा था कि NTA ने उन छात्रों को पूरे नंबर दिए जिन्होंने नंबर 2 और नंबर 4 में से कोई भी विकल्प चुना, जबकि सवाल का जवाब स्पष्ट नहीं था.

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NDTV में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कोर्ट ने टेक्स्टबुक के नए एडिशन में दिए गए जवाब का पालन करने का आदेश दिया. बेंच ने कहा कि जब नई NCERT किताब के हिसाब से ऑप्शन 4 सही जवाब है, तो ऑप्शन 2 चुनने वालों को पूरे नंबर कैसे दिए गए.

ये भी पढ़ें - NEET में गड़बड़ सुप्रीम कोर्ट ने तय कर दी, पर इस शहर के बच्चों का रिजल्ट चौंका जरूर देगा!

याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने इस प्रश्न का जवाब नहीं लिखा. क्योंकि NTA ने इस सवाल के लिए कोई भी नंबर देने से इनकार कर दिया और इसलिए उनके पूरे नंबर नहीं आए. उन्हें 720 में से 711 मार्क्स मिले हैं. दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने IIT दिल्ली के तीन लोगों को इस काम पर लगाया कि वो इनमें से सही जवाब बताएं.

मंगलवार, 23 जुलाई को कमेटी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई. तीनों विशेषज्ञों ने कहा कि NTA ने अपनी उत्तर कुंजी (answer key) में कहा था कि चौथा विकल्प सही है और यही सही जवाब है. 

इस पर सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि पुरानी किताबें अभी भी बाज़ार में हैं, जिनमें ग़लत उत्तर छपा हुआ है. निर्देश कहते हैं कि छात्रों को नई किताबों पर भरोसा करना चाहिए, मगर NCERT में छपे जवाब को चुनने वालों को नुक़सान नहीं होना चाहिए. 

जस्टिस मनोज मिश्रा ने टोका कि वो ख़ुद विज्ञान के छात्र हैं और उन्हें इस सवाल का जवाब पता था. तब सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “फिर तो मामला यहीं ख़त्म. क़रीब 4 लाख 22,000 छात्र इससे प्रभावित होंगे.”

बताया गया है कि क़रीब 9 लाख से ज़्यादा छात्रों ने इस सवाल का जवाब दिया था. 

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