NEET परीक्षा में गड़बड़ियों (NEET Exam Row) के आरोपों के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 19 जून को UGC NET परीक्षा रद्द करने की घोषणा (NET Exam Cancelled) की. एजेंसी की तरफ से कहा गया कि परीक्षा में गड़बड़ी होने की सूचना मिलने के बाद ये फैसला लिया गया. शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया,
NET कैंसिल, NEET पर बवाल, सरकार का 'एंटी पेपर लीक' कानून क्या है, क्या-क्या सजा हो सकती है?
NEET Paper Row: पिछले 5 साल में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने से एक करोड़ से ज्यादा छात्रों को नुकसान हुआ है. इन छात्रों ने 1.04 लाख पदों के लिए आवेदन किया था.

"परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि UGC NET जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए."
मंत्रालय ने बताया कि NET परीक्षा फिर से आयोजित की जाएगी. इसके लिए आगे की जानकारी छात्रों से अलग से साझा की जाएगी. साथ ही परीक्षा में हुई गड़बड़ी की पूरी जांच के लिए मामले को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को सौंपा जा रहा है.
ये सब खबरें तब आई हैं, जब कुछ महीने पहले संसद में 'एंटी-चीटिंग' कानून बना था. इस कानून का उद्देश्य सरकारी भर्तियों में हो रही धांधली को रोकना है. इन कानून का नाम- पब्लिक एग्जामिनेशंस (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट है. हिंदी में कहें तो- लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) कानून.
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- सरकारी भर्तियों की परीक्षाओं में धांधली करने के दोषियों को 3 से 5 साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
- ऐसे मामलों में जहां कोई व्यक्ति या समूह किसी तरह के ऐसे संगठित अपराध को अंजाम देता है, जिसमें एग्जामिनेशन अथॉरिटी शामिल हो तो दोषियों को 5 से 10 साल की कैद हो सकती है और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
- कानून के तहत एजेंसियों को यह अधिकार मिला हुआ है कि वो संगठित अपराध में शामिल संस्थाओं और लोगों की संपत्ति को जब्त कर सकती है और उस संपत्ति से एग्जाम कराने में हुए खर्च का हर्जाना वसूल सकती हैं.
- कानून में यह भी प्रावधान है कि इस तरह की धांधली के आरोपों की जांच सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस या असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर स्तर के अधिकारी करेंगे.
दरअसल, पिछले कुछ सालों में पेपर लीक्स ने लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं और फिर पूरी की पूरी परीक्षा रद्द करनी पड़ी है. इंडियन एक्सप्रेस के एक विश्लेषण के मुताबिक, पिछले 5 साल में अलग-अलग पेपर लीक्स के चलते लगभग 1.4 करोड़ परीक्षार्थियों को नुकसान हुआ है. इन परीक्षार्थियों ने 1.04 लाख पदों के लिए आवेदन किया था.
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