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दो हाई कोर्ट जजों की वजह से जगदीप धनखड़ को देना पड़ा इस्तीफा?

विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा में दो जजों के खिलाफ महाभियोग के नोटिसों को स्वीकार करने की योजना बना रहे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर दबाव बनाया गया.

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जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद पर तीन साल पूरे होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया. (India Today)

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे पर कई थ्योरीज़ सामने आ रही हैं. अब विपक्षी दलों के सूत्रों की तरफ से एक नया दावा किया जा रहा है. आजतक की वरिष्ठ संवाददाता मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि जगदीप धनखड़ राज्यसभा में दो जजों के खिलाफ महाभियोग के नोटिसों को स्वीकार करने की योजना बना रहे थे, जिसके चलते ‘दबाव’ बनाकर उन्हें इस्तीफा देने के लिए ‘मजबूर किया गया’.

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सूत्रों के मुताबिक एक नोटिस जस्टिस वर्मा और दूसरा नोटिस जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ दिया गया था. अब कहा जा रहा है धनखड़ का दोनों नोटिस एक्सेप्ट कर लेना उनके ‘इस्तीफे की वजह’ बन गया. इसको समझने के लिए 21 जुलाई को दिनभर के घटनाक्रम पर एक नज़र डालते हैं.

रिपोर्ट में मौसमी सिंह ने बताया,

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1:00 बजे दोपहर – राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक बेनतीजा रही. विपक्ष ने "ऑपरेशन सिंदूर" पर चर्चा के लिए तारीखें मांगीं और कहा कि वे अपनी पार्टी के नेतृत्व से बात करके जवाब देंगे. तय हुआ कि अगली बैठक शाम 4:30 बजे होगी.

2:20 बजे – कांग्रेस के जयराम रमेश उपराष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे और उनके निजी सचिव को 63 विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर वाला महाभियोग नोटिस सौंपा.

3:40 बजे – जयराम रमेश ने X पर महाभियोग नोटिस देने की जानकारी सार्वजनिक की.

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4:07 बजे – राज्यसभा के सभापति (यानी जगदीप धनखड़) ने सदन में बताया कि विपक्ष द्वारा जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग नोटिस दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ दिए गए नोटिस में दोहरे हस्ताक्षर पाए गए हैं और बाकी हस्ताक्षरों की जांच की जा रही है.

यहां महत्वपूर्ण बात यह रही कि उन्होंने यह घोषणा लोकसभा अध्यक्ष से पहले कर दी.

4:30 बजे – भाजपा नेता और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू BAC की बैठक में नहीं पहुंचे. जब उपराष्ट्रपति ने उनकी अनुपस्थिति का कारण पूछा, तो केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने बताया कि दोनों ने संदेश भेजा है कि वे बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. इस पर सभापति नाराज़ हो गए और उन्होंने कहा कि उन्हें पहले क्यों नहीं बताया गया.

5:00 बजे – सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति ने एक विपक्षी सांसद को अपने चेंबर में बताया कि उन्होंने जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर 51 सांसदों के हस्ताक्षर सत्यापित कर लिए हैं और यह नोटिस स्वीकार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस पर मंगलवार को सदन में घोषणा करेंगे.

7:30 बजे शाम – जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति को फोन किया, तो उन्होंने कहा कि वे इस समय अपने परिवार के साथ हैं और स्वास्थ्य को लेकर कुछ चर्चा चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वे अगली सुबह बात करेंगे.

विपक्ष का दावा है कि उपराष्ट्रपति इस नोटिस को स्वीकार करने वाले थे, लेकिन इसी बीच इस्तीफे की खबर आ गई, जिससे यह संदेह और गहराया कि कहीं उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर तो नहीं किया गया.

सरकारी पक्ष की ओर से इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

वीडियो: जगदीप धनखड़ रिटायरमेंट का 'पूरा प्लान' बनाकर बैठे थे, उसके पहले क्या हो गया?

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