नवंबर 2020 में म्यांमार में आम चुनाव हुए. इसमें आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी (NLD) ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज़ की.लेकिन सेना ने चुनाव में धांधली के आरोप लगा दिए.
अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय मीडिया और मानवाधिकार समूहों ने मारे गए लोगों की फोटो जारी की है. इन फोटो में साफ देखा जा सकता है कि उनके जले हुए शव गाड़ियों में रखे हुए हैं. इस बीच सेना की तानाशाही का सशस्त्र विरोध कर रहे देश के सबसे बड़े करेनी नेशनल डिफेंस फोर्स समूह ने भी कहा कि मृतक उनके समूह के नहीं थे. समूह ने कहा है कि जिन लोगों की हत्या हुई है, वो विस्थापित ही थे. समूह के एक कमांडर ने इस पूरे घटनाक्रम पर दुख जताते हुए कहा,
"हम यह देखकर स्तब्ध थे कि मारे गए लोग अलग-अलग उम्र के थे. इनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे."इसी तरह एक गांववाले ने रॉयटर्स को बताया,
"रात को मैंने गोलियों की आवाज सुनी. लेकिन गोलीबारी के डर से घटनास्थल पर नहीं गया. मैं उस जगह पर सुबह गया. मैंने जले हुए शव देखे. वहां बच्चों और महिलाओं के कपड़े बिखरे हुए थे."सेना के खिलाफ संघर्ष इस साल फरवरी में आंग सांग सू की की सरकार का म्यांमार की सेना ने तख्तापलट कर दिया था. सू की पार्टी ने तख्तापलट के ठीक पहले हुए चुनावों में जीत हासिल की थी. सेना ने इन चुनावों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. हालांकि, स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और संस्थाओं ने ऐसी कोई गड़बड़ी ना होने की बात कही थी.
म्यांमार के तख्तापलट के तुरंत बाद ही लोग सड़कों पर आकर सैन्य तानाशाही का विरोध करने लगे. इस बीच सेना ने अलग-अलग जगहों पर शांतिपूर्ण तरीकों से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. इस गोलीबारी में सैकड़ों निर्दोष नागरिकों की जान चली गई. जिसके बाद लोगों ने सेना के खिलाफ संघर्ष करने के लिए हथियार उठा लिए.