केंद्र सरकार ने कहा है कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश (Ahmedabad Plane Crash) को लेकर आई शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर कोई राय न बनाई जाए. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि अभी बस प्रारंभिक रिपोर्ट आई है. उन्होंने जनता और मीडिया से आग्रह किया है कि वो इस आधार पर अंतिम निष्कर्ष पर न पहुंचें.
'प्लेन क्रैश की इस रिपोर्ट से कोई राय न बनाएं', सरकार ने ऐसा करने की बड़ी वजह भी बताई है
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि Ahmedabad Plane Crash को लेकर आई AAIB की रिपोर्ट के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाए. सरकार ने किस वजह से ऐसा कहा है?

शुरुआती जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि टेक ऑफ के तीन सेकेंड के बाद ही एयर इंडिया के बोइंग 787 के दोनों इंजनों में फ्यूल पहुंचना बंद हो गया था. विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर कहा गया कि ये कुछ सेकेंड के अंतराल में ही 'रन' (ऑन) से ‘कटऑफ’ (ऑफ) की स्थिति में बदल गए थे.
AAIB ने अपनी रिपोर्ट में ये स्पष्ट नहीं किया है कि फ्यूल स्विच अनजाने में बंद हुआ था या जानबूझकर किया गया था या फ्यूल के ईंधन तक पहुंचने में कोई तकनीकी गड़बड़ी थी. लेकिन इसी रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हुई बातचीत का भी जिक्र है. इसके मुताबिक, टेक ऑफ के बाद एक पायलट दूसरे पायलट से पूछता है, ‘तुमने इंजन फ्यूल बंद क्यों किया?’ इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है, ‘मैंने कुछ नहीं किया.’
उड्डयन मंत्री से इस बारे में सवाल पूछा गया था. इस पर उन्होंने कहा,
इसके आधार पर किसी तरह का निष्कर्ष निकालने की जरूरत नहीं है. रिपोर्ट में बताया है कि कई और पहलू भी हैं जिनकी जांच की जा रही है. उन्हें फाइनल रिपोर्ट में साझा किया जाएगा. मैं कह सकता हूं कि पूरी दुनिया में हमारे पास सबसे बेहतर पायलट और क्रू मेंबर्स हैं.
इस बातचीत के आधार पर कुछ जानकारों ने आशंका जताई है कि अगर पायलट ने फ्यूल स्विच ऑफ नहीं किया था, तो हो सकता तकनीकी गड़बड़ी की वजह से इंजन तक फ्यूल न पहुंच पाया हो.
12 जून को एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने ये रिपोर्ट सार्वजनिक की है. राम मोहन नायडू ने इस जांच को चुनौतीपूर्ण बताया है. उन्होंने आगे कहा,
एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं?नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस रिपोर्ट का गहन विश्लेषण कर रहा है. किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. एक बार फाइनल रिपोर्ट आ जाए, तभी हम किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंच सकेंगे.
इस मामले को लेकर लल्लनटॉप ने एविएशन एक्सपर्ट बिपुल सक्सेना से बात की. उन्होंने भी स्पष्ट कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर कोई राय नहीं बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल ही शुरुआती रिपोर्ट है. इसमें बस ये बताया गया है कि हादसे के वक्त क्या-क्या हुआ. क्रैश का स्पष्ट कारण क्या था? ये इस प्राथमिक रिपोर्ट से पता नहीं चलेगा. इसलिए कोई भी राय बनाने से पहले उस रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए, जिसमें इसके बारे में विस्तार से बताया जाएगा.
इस मामले की फाइनल रिपोर्ट 12 जून 2026 के पहले जारी की जा सकती है.
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सिर्फ 1 पैसेंजर की जान बच पाईबता दें कि 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेक ऑफ करने के बाद, AI171 विमान पास के ही एक मेडिकल हॉस्टल के ऊपर क्रैश हो गया. इस हादसे में प्लेन में सवार 242 लोगों में 241 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा हादसे वाली जगह पर मौजूद लगभग 35 लोगों की भी जान चली गई.
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