अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने टैरिफ लागू करने की नई डेडलाइन 1 अगस्त रखी है. इस बीच भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (US India trade deal) पर बात लगभग अंतिम दौर में है. केवल कृषि और ऑटो सेक्टर में टैरिफ को लेकर बात नहीं बन पा रही है. इन मुद्दों को सुलझाने के लिए भारतीय वार्ताकार अगले हफ्ते फिर वाशिंगटन जा सकते हैं.
भारत-यूएस ट्रेड डील पर बातचीत अंतिम दौर में, बस इन दो मामलों पर बात नहीं बन पा रही
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (US India trade deal) पर बात लगभग अंतिम दौर में है. कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए भारतीय वार्ताकार अगले हफ्ते फिर वाशिंगटन जा सकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय वार्ताकार अगले सप्ताह वाशिंगटन के लिए रवाना हो सकते हैं. इससे पहले भारतीय वार्ताकारों की टीम 4 जुलाई को आखिरी राउंड की बातचीत के बाद अमेरिका से वापस लौटी थी, तब अमेरिकी टैरिफ की डेडलाइन 9 जुलाई थी. लेकिन इसके बाद डॉनल्ड ट्रंप ने डेडलाइन बढ़ाते हुए कहा कि नए टैरिफ रेट 1 अगस्त से लागू होंगे. और अब इसमें कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा.
एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के साथ एक और दौर की बातचीत का प्रस्ताव सरकार के शीर्ष अधिकारियों को भेज दिया गया है. वार्ताकारों को विश्वास है कि कृषि समेत बाकी मुद्दों पर जो भी मतभेद हैं, उन्हें सुलझा लिया जाएगा.
10 जुलाई को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम में राजेश अग्रवाल ने बताया कि भारत अमेरिका के साथ समझौते पर बातचीत करके उसे अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहा है. भारत के अमेरिकी टैरिफ से बचने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि डॉनल्ड ट्रंप ने 7 जुलाई को बताया था कि अमेरिका भारत के साथ ट्रेड डील पर साइन करने के करीब है.
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बताया जा रहा है कि भारतीय वार्ताकारों ने डेयरी और कृषि जैसे सेक्टर्स को छोड़कर बाकी सेक्टर्स में अमेरिकी प्रोडक्ट्स के लिए भारतीय बाजार खोलने की पेशकश की है. इसके बदले अमेरिका भारत द्वारा निर्यात किए जा रहे कपड़े और जूते-चप्पलों पर कम टैरिफ लगाने की पेशकश कर सकता है. भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील में अब वस्तुओं के लिए बाजार खोलने पर ही बात फंस रही है. दोनों देश के वार्ताकार कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर कड़ी सौदेबाजी में जुटे हैं.
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