मुंबई का विले पार्ले इलाका. यहां इरला मस्जिद है. इसके बाहर एक बिजनेसमैन की 17 अगस्त की सुबह करीब छह बजे 15 बार चाकू मारकर हत्या कर दी गई. बिजनेसमैन का नाम अब्दुल मुनफ शेख है. घटना तब हुई, जब वह सुबह की नमाज अता करने मस्जिद गए थे. फिलहाल पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है.
मुंबई में बिजनेसमैन नमाज पढ़ने गए थे, मस्जिद के बाहर 15 बार चाकू घोंपकर हत्या
दो साल से मिल रही थीं धमकियां. पुलिस को भी बताया था, पर सुनवाई नहीं हुई

पूरा मामला क्या है?
इंडिया टुडे के पत्रकार सौरभ वक्तानिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को घटनास्थल के पास सीसीटीवी का फुटेज मिला है. इसमें एक आरोपी दिखाई दिया है. उसी के आधार पर पुलिस मामले की जांच आगे बढ़ा रही है. क्राइम ब्रांच को भी इस मामले में लगाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को शक है कि हत्या का कारण कारोबारी दुश्मनी हो सकती है. लेकिन दूसरे पहलुओं पर भी गौर किया जा रहा है.
बॉडीगार्ड भी रखते थे, पर घटना के वक्त साथ नहीं थे
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल के बहनोई सलीम बेग ने बताया कि अब्दुल कई सालों से दिन की पहली नमाज़ इरला मस्जिद में ही अता करने जाते थे. वह उस मस्जिद के ट्रस्टियों में भी थे. उनके कई और भी कामधंधे थे. पिछले दो साल से, जब से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं, तो अब्दुल पैदल जाने के बजाय गाड़ी से मस्जिद जाने लगे. बेग ने बताया कि अब्दुल के साथ बाकी समय बॉडीगार्ड होते थे, सिवाय मस्जिद जाते वक्त. उनके बॉडीगार्ड उमर कुरैशी ने बताया कि वो रोज सुबह 10 बजे आते थे और पूरे दिन अब्दुल के साथ रहते थे. जब अब्दुल मस्जिद गए, तो वो उनके साथ नहीं थे.
पुलिस को बताया था, कोई पीछे पड़ा है.
परिवारवालों का कहना है कि अब्दुल को पिछले दो साल से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. उन्होंने इस बारे में पुलिस को बार-बार लेटर लिखकर बताया भी था. परिवार के मुताबिक, उन्होंने एक लेटर पिछले साल 12 अक्टूबर को और आखिरी लेटर 7 जनवरी, 2020 को भेजा था. लेटर में उन्होंने सब्जेक्ट में लिखा था- हत्या करने की साजिश. तब के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के नाम पर लिखे इस लेटर में अब्दुल ने बताया था कि उन्हें इलाके के ही कुछ अपराधी मारने की साजिश कर रहे हैं. कई दफे कुछ गुंडों ने उन पर हमला करने के लिए हथियारों से लैस होकर इंतजार भी किया था. मुंबई पुलिस के अधिकारी ने अक्टूबर 2019 में लेटर मिलने की पुष्टि भी की.
फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से और परिवार की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.
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