मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) में मारे गए लोगों की संख्या 140 तक पहुंच गई है. इस हादसे को लेकर लगातार नई अपडेट्स सामने आ रही हैं. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक मरम्मत के बाद मच्छु नदी पर बने इस केबल ब्रिज को स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बिना ही फिर से खोल दिया गया था.
मोरबी पुल हादसा: बिना परमिशन खोल दिया गया था ब्रिज, इस कंपनी ने किया था रेनोवेशन
सवाल उठ रहा है कि क्या नगरपालिका को नहीं पता था पुल खुले चार दिन हो गए थे और लोग बड़ी संख्या में वहां आ रहे थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह झाला ने बताया कि हाल ही में पुल की मरम्मत की गई थी. बीती 26 अक्टूबर को केबल ब्रिज आम लोगों के लिए खोल दिया गया था, लेकिन इससे पहले नगरपालिका से अनुमति नहीं ली गई थी. संदीप ने कहा,
“कंपनी ने रेनोवेशन खत्म किया है या नहीं किया है, इसकी जानकारी दिए बगैर ही ये छुट्टियों में शुरू किया और बहुत सारे लोग एक साथ भेजे थे तो उसकी वजह से हादसा हो गया. इंक्वायरी कमीशन अभी कंडक्ट हुआ है, तो ज्यादा डिटेल आपको वहां से मिलेगी.”
संदीप सिंह ने कहा कि फिटनेस सर्टिफिकेट देने का अधिकार नगरपालिका को है, लेकिन अगर उसके पास जानकारी नहीं होगी तो कैसे देंगे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ब्रिज के रेनोवेशन का काम ओरेवा नाम की कंपनी ने किया था.
संदीप सिंह झाला के बयान के बाद ये सवाल उठ रहा है कि पुल को बिना परमिशन के खोलने के पीछे किसका हाथ है. ये सवाल भी किया जा रहा है कि क्या स्थानीय नगरपालिका और उसके अधिकारियों को नहीं पता था कि पुल को बिना अनुमति के खोला गया है और चार दिनों से बड़ी संख्या में लोग उस पर से गुजर रहे हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना, नेवी और एयर फोर्स को लगाया गया है. उनके साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, कोस्ट गार्ड, स्थानीय पुलिस-प्रशासन की टीमें काम कर रही हैं. सभी बचाव दलों ने मिल कर अब तक 177 लोगों को नदी से निकाला है.
हादसे के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. वे घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे. इंडिया टुडे से जुड़े सौरभ वकटानिया की रिपोर्ट के मुताबिक मोरबी के अलग-अलग अस्पतालों में डॉक्टरों की टीमें घायलों के इलाज में लगी हैं. खबर लिखे जाने तक इन अस्पतालों में 19 पीड़ितों का इमरजेंसी ट्रीटमेंट किया जा रहा था. तीन घायलों को राजकोट रेफर किया गया है. वहीं गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि पुल के मैनेजमेंट का काम देखने वाली टीम के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
मोरबी में मच्छु नदी पर बना ये 100 साल पुराना पुल स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच काफी मशहूर था. पुल पर हर रोज बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे. लेकिन हाल में रेनोवेशन के लिए इसे बंद कर दिया गया था. हर्ष सांघवी ने बताया कि रविवार को छुट्टी की वजह से बड़ी संख्या में लोग ब्रिज पर घूमने पहुंचे थे. मंत्री के मुताबिक शाम साढ़े छह बजे के आसपास झूलता ब्रिज टूट कर गिर गया. उस समय पुल पर 400-500 लोग मौजूद थे.
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