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कभी अनंत सिंह के 'आतंक' से मोकामा को मुक्ति दिलानी थी, अब उनकी पत्नी के लिए प्रचार करेंगे ललन सिंह

बिहार की मोकामा विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को उपचुनाव होगा. अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी RJD की तरफ से लड़ रही हैं.

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पूर्व विधायक अनंत सिंह और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह. (फाइल फोटो)

"अच्छी आत्मा फोल्डिंग कुर्सी की तरह होनी चाहिए. जरूरत पड़ी तब फैलाकर बैठ गए, नहीं तो मोड़कर कोने से टिका दिया."

लेखक और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की ये पंक्ति भारतीय राजनीति के लिए अमर वाक्य है. ऐसा क्यों, शायद समझाने की जरूरत नहीं है. अक्सर दल बदल करने वाले नेताओं के लिए इस पंक्ति का इस्तेमाल होता है. बिहार में फिलहाल कोई दलबदल नहीं हुआ, लेकिन सीन इसके आसपास का है.

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बिहार की मोकामा विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. पूर्व विधायक और आर्म्स एक्ट में जेल की सजा काट रहे अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी यहां से चुनाव लड़ रही हैं. नीलम देवी RJD की टिकट पर मैदान में हैं. हाल में महागठबंधन सरकार बनने से पहले तक अनंत सिंह के घोर विरोधी रहे JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अब नीलम देवी के लिए चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं. 26 और 27 अक्टूबर को ललन सिंह मोकामा में चुनावी रैली करेंगे. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 27 अक्टूबर को CM नीतीश कुमार भी नीलम देवी के लिए रैली कर सकते हैं.

नीलम देवी के खिलाफ लड़ा चुनाव

मजे की बात है कि ललन सिंह ने पिछला लोकसभा चुनाव नीलम देवी के खिलाफ ही लड़ा था. उन्होंने अनंत सिंह को पत्नी को मुंगेर से हराया  था. उस दौरान ललन सिंह और अनंत सिंह ने एक-दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजी की थी. 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ललन सिंह ने कहा था कि अनंत सिंह जैसे अपराधियों के आतंक से मोकामा को मुक्ति दिलानी है.

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इससे पहले साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ललन सिंह ने अनंत सिंह को रावण तक दिया था. तब अनंत सिंह, लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए थे. पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने RJD की टिकट पर ही लड़ा था. ललन सिंह ने कहा था, 

"मोकामा का रावण बिहार के रावणों के साथ मिल गया है. इस बार दशहरा में रावण वध कर दीजिए."

BJP मोकामा विधानसभा सीट से अब तक चुनाव नहीं जीत पाई है. अनंत सिंह की पत्नी के खिलाफ BJP ने भी हाल में JDU छोड़ने वाले ललन सिंह (दूसरे वाले) की पत्नी सोनम देवी को टिकट दिया है. दूसरे वाले ललन सिंह इस सीट से खुद पहले चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन कभी सफल नहीं हो पाए थे.

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अनंत सिंह को सजा क्यों हुई?

मामला अगस्त 2019 का है. तब IPS लिपि सिंह बाढ़ जिले की SSP थीं. उन्हें टिप मिली थी कि अनंत सिंह के घर पर कई हथियार हैं. लिपि सिंह ने एक टीम के साथ अनंत सिंह के पूरे घर की तलाशी ली. पुलिस को छापेमारी में अनंत सिंह के घर से एके-47, 26 राउंड कारतूस, एक मैगज़ीन और हैंड ग्रेनेड सहित कुछ और हथियार भी मिले थे. कार्रवाई के बाद अनंत सिंह फरार हो गए थे. लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था. उस दौरान भी अनंत सिंह ने ललन सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने साजिश के तहत उनके घर में हथियार रखवाए. अनंत सिंह ने तब कहा था कि उनकी पत्नी ने ललन सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा, इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं.

इस साल जून में एमपी-एमएलए कोर्ट ने अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट के तहत 10 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद जुलाई में अनंत सिंह की विधायकी खत्म हुई. सीट खाली होने के बाद उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं. अनंत सिंह साल 2005 से लगातार इस सीट से विधायक चुने जा रहे थे. अनंत सिंह के खिलाफ बिहार में UAPA सहित कई आपराधिक धाराओं के तहत कम से कम 38 मुकदमे दर्ज हैं.

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