मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर जस्टिस हेमा कमिटी की हालिया रिपोर्ट (Justice Hema Committee Report) से हंगामा मचा हुआ है. इस रिपोर्ट में किए गए खुलासों के बाद कई एक्टर्स और डायरेक्टर्स पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. मलयालम सिनेमा की कई हस्तियों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं. एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के कुछ सदस्यों के खिलाफ भी आरोप लगे. इसके बाद 27 अगस्त को एक्टर मोहनलाल की अध्यक्षता वाले AMMA की 17 सदस्यों की टीम ने इस्तीफा दे दिया. अब पहली बार AMMA के पूर्व अध्यक्ष और एक्टर मोहनलाल (Mohanlal) की इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि अगर गलत काम करने वालों के खिलाफ सबूत हैं, तो उन्हें सजा दी जानी चाहिए.
'सबूत है तो सजा दो...', मलयालम फिल्म इंडस्ट्री विवाद पर और AMMA से इस्तीफे के बाद बोले मोहनलाल
जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट पर जाने-माने एक्टर मोहनलाल की प्रतिक्रिया. कहा, पूरी फिल्म इंडस्ट्री इसके लिए जवाबदेह है, लेकिन हर चीज के लिए AMMA को दोषी ठहराया जा रहा है.

मोहनलाल ने कहा कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री इसके लिए जवाबदेह है, लेकिन हर चीज के लिए AMMA को दोषी ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मलयालम सिनेमा में कई और संगठन हैं, लेकिन रिपोर्ट में हुए खुलासों को लेकर सिर्फ AMMA को निशाना बनाया जा रहा है.
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक मोहनलाल ने कहा,
"इन सभी मुद्दों के लिए अकेले एक संगठन को दोषी ठहराना सही नहीं है."
मोहनलाल ने कहा कि मलयालम सिनेमा एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री है, जहां हजारों लोग काम करते हैं और AMMA यहां उठने वाले हर मुद्दे को एड्रेस नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि सिनेमा समाज का हिस्सा है और जो हर जगह होता है, वही इस इंडस्ट्री में भी हो रहा है.
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मोहनलाल ने एसोसिएशन के कुछ सदस्यों के खिलाफ यौन दुराचार और मारपीट के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा,
"अगर गलत काम करने वालों के खिलाफ सबूत हैं, तो उन्हें सजा दी जानी चाहिए."
एक्टर ने हेमा कमिटी की रिपोर्ट जारी करने के सरकार के फैसले को एक अच्छा कदम बताया. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री को सही दिशा में ले जाने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं.
एक्टर ने जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट में हुए खुलासे पर अपनी प्रतिक्रिया देरी से देने का बचाव किया. उन्होंने कहा कि वो कभी भी अपनी जिम्मेदारियों से भागे नहीं थे. सिर्फ अपनी निजी और पेशेवर प्रतिबद्धताओं के कारण राज्य से बाहर थे और इसलिए पिछले कुछ दिनों में मीडिया के सामने नहीं आ सके. उन्होंने कहा कि वो पिछले 47 सालों से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे हैं और इसके दुर्भाग्यपूर्ण मुद्दों के जुड़े सवालों का जवाब देना उनके लिए 'दर्द देने वाला' है.
मोहनलाल ने बताया कि उन्होंने दो बार हेमा कमिटी के सामने गवाही दी थी. मीडिया में जो कुछ भी आया है, उसके अलावा उन्हें इसमें कही बातों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में एक पावर ग्रुप की कथित मौजूदगी को लेकर रिपोर्ट में हुए खुलासे के बारे में उन्हें नहीं पता था.
एक्टर ने कहा,
"मैं मलयालम सिनेमा में किसी भी पावर ग्रुप का हिस्सा नहीं हूं और ऐसे किसी भी ग्रुप के होने के बारे में मुझे जानकारी नहीं है. मैंने इसके बारे में पहली बार सुना है."
जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं का ‘शोषण’ किया जाता है. रिपोर्ट में इंडस्ट्री में जगह बनाने की इच्छुक महिलाओं के साथ होने वाले कास्टिंग काउच, यौन उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और हमले की बात कही गई है.
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