The Lallantop

किसान अनाज के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार गन्ने पर खेल गई!

उत्पादन- 310 लाख टन, खपत- 260 लाख टन.

Advertisement
post-main-image
राजधानी दिल्ली में नवंबर के आख़िरी हफ्ते से किसान डटे हैं. इस बीच प्रकाश जावड़ेकर ने कुछ घोषणाएं कर ये मैसेज देने की कोशिश ज़रूर की है कि सरकार, किसानों के प्रति संवेदनशील है. (फाइल फोटो- PTI)
दिल्ली में किसान डटे हुए हैं. कृषि कानूनों के विरोध में. सरकार से कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन बात बनी नहीं है. इस बीच मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. ये फैसला प्रदर्शन कर रहे अनाज किसानों से जुड़ा नहीं, बल्कि गन्ना किसानों से जुड़ा है. 60 लाख टन चीनी के निर्यात का फैसला. साथ ही निर्यात पर 3500 करोड़ रुपए की सब्सिडी का फैसला. सब्सिडी की ये रकम और निर्यात से होने वाली कमाई को पांच करोड़ गन्ना किसानों के खाते में डाला जाएगा. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद ने 16 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस फैसले की जानकारी दी. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस साल देश में शक्कर का उत्पादन 310 लाख टन होगा. खपत 260 लाख टन की है. ज़्यादा उत्पादन, कम खपत का ये सिलसिला करीब तीन-चार साल से चल रहा है. देश में चीनी के दाम इसके कारण कम हैं और इससे किसानों को दिक्कत हो रही है. इसका समाधान क्या होगा? जावड़ेकर ने कहा – “सरकार ने इस साल 60 लाख टन चीनी निर्यात करने, निर्यात को सब्सिडी देने का निर्णय किया है. ये सब्सिडी सीधे किसान के खाते में जाएगी. निर्यात से मिलने वाली 18 हजार करोड़ रुपए की आय किसानों के खाते में डाली जाएगी. और अभी तक जो घोषित सब्सिडी है- उसका 5361 करोड़ रुपए तो एक सप्ताह में ही किसान के खाते में जमा होगा. यानी 5361 करोड़ एक हफ्ते में और निर्यात का व्यवहार होने पर वो रकम भी किसान के खाते में.” सरकार का दावा है कि इन उपायों से करीब पांच करोड़ किसानों को लाभ होगा. इस लाभ का ब्रेकअप देते हुए जावड़ेकर ने बताया - 3500 करोड़ रुपए आज घोषित सब्सिडी. 5361 करोड़ पहले घोषित हुई सब्सिडी. लगभग 18 हजार करोड़ रुपए जो निर्यात से प्राप्त होगा. ये सभी रकम सीधे किसान के खाते में जाएंगी. अन्य घोषणाएं इसके अलावा जावड़ेकर ने बताया कि पूर्वोत्तर में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए नए बजट को मंजूरी दी गई है. पहले इस पर पांच हजार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान था. ये बजट अब बढ़ाकर 6700 करोड़ रुपए का कर दिया गया है. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार की ओर से 2251 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम्स की नीलामी करने का फैसला किया गया है, इससे पहले 2016 में ऐसी नीलामी हुई थी. इसके अलावा सरकार ने टेलिकॉम क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय समिति बनाने का निर्णय लिया है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement