“मैं मरने वाला हूं. मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. मां, ओ मां, मेरा पेट दुख रहा है. मेरी गरदन दुख रही है, सब दुख रहा है. प्लीज, मुझे पानी दे दो. प्लीज, मत मारो मुझे.”एरिक और उनके साथी पुलिसवालों ने जॉर्ज फ़्लॉयड के साथ जो किया, उसे वहां से गुज़र रहे कुछ लोगों ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया. उनके मोबाइल से निकले विडियो वायरल हो गए. इसने अमेरिका में हंगामा मचा दिया. ‘आई कान्ट ब्रीद’ का नारा लगाते लोग पुलिस से भिड़ गए. पुलिस ने ज़ोर आज़माइश करके प्रदर्शन को ख़त्म कराने की कोशिश की. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबड़ बुलेट्स और आंसू गैस छोड़ा. इससे भीड़ और भड़क गई. लोगों ने पुलिस स्टेशन फूंक दिया. कुछ और जगहों पर भी आगजनी हुई. लोगों की नाराज़गी को देखते हुए इस मामले की जांच FBI को सौंप दी गई. आरोपी पुलिसवाले बर्ख़ास्त कर दिए गए. फिर पुलिस कस्टडी में डेथ के मामले पर ट्रायल होना तय हुआ. लेकिन अब दोनों पक्षों में समझौता हो गया है.
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में परिवार और पुलिस के बीच 196 करोड़ रुपये में हुआ समझौता
25 मई 2020 को जॉर्ज की मौत हुई थी.
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समझौते के बारे में ऐलान करते हुए जॉर्ज फ्लॉयड के वकील (बाएं), उनके भतीजे और दो भाई. और अन्य अधिकारी. (फोटो- AP) दाईं ओर की तस्वीर जॉर्ज फ्लॉयड की है.
पिछले साल यानी 2020 में अमेरिका में पुलिस हिरासत में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहा था. अब जॉर्ज की मौत के मामले में अमेरिका की मिनियापोलिस सिटी और जॉर्ज के परिवार के बीच 2.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी करीब 196 करोड़ रुपये में समझौता हुआ है. फ्लॉयड परिवार के वकील बेन क्रम्प ने भी इसकी पुष्टि की है. क्रम्प ने तो ये तक कहा कि ये ट्रायल से पहले हुए सबसे बड़े समझौतों में से एक है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह है कि दुनियाभर से न्याय की मांग को लेकर पुलिस और न्याय व्यवस्था पर काफी दबाव बना. इस रकम में से करीब 5 लाख डॉलर का इस्तेमाल एक बिज़नेस हब बनाने में किया जाएगा. ये बिज़नेस हब उसी जगह बनेगा, जहां जॉर्ज की मौत हुई थी. इसके बनने से कई लोगों को वहां रोजगार भी मिल सकेगा.
जॉर्ज फ्लॉयड का केस
25 मई, 2020 को मिनियेपोलिस पुलिस विभाग को एक फ़ोन आया. फ़ोन करने वाले ने कहा कि उसे एक आदमी पर जालसाजी करने का शक़ है. कॉल के जवाब में पुलिस की एक टीम उस बताई हुई जगह पर पहुंची. यहां उनकी मुलाकात हुई जॉर्ज फ़्लायड से. फ़ोन करने वाले आदमी ने इन्हीं की शिकायत की थी. पुलिस ने जॉर्ज को हथकड़ी लगाकर पकड़ने की कोशिश की. जॉर्ज ने इसका विरोध किया. विरोध के जवाब में डेरेक चॉविन नाम के एक पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज के साथ ज़बरदस्ती की और उन्हें ज़मीन पर पटक दिया. ये दृश्य ऐसा था कि सड़क पर खड़ी एक कार के पिछले पहिये के पास ज़मीन पर जॉर्ज पड़े थे. और उनके ऊपर चढ़े डेरेक चॉविन ने अपने बायें पैर से जॉर्ज का गला दबाया हुआ था. जानते हैं, डेरेक ने कितनी देर तक जॉर्ज का गला दबाए रखा? पूरे सात मिनट तक. इसमें शुरुआती पांच मिनट के बाद जॉर्ज का शरीर शिथिल पड़ चुका था. उसमें कोई हरकत नहीं हो रही थी. तब भी डेरेक उनके ऊपर चढ़े रहे. फिर पुलिस ने ऐम्बुलेंस बुलवाई. मगर अब जान कहां थी जॉर्ज में कि उन्हें बचा लिया जाता. वो मर गए थे. मरने से पहले जॉर्ज रोते-छटपटाते हुए डेरेक से कह रहे थे-
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