राम मंदिर बनने के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भले भाजपा अयोध्या हार गई हो, लेकिन अभी भी अधिकांश जनता को लगता है कि राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. ऐसा मानने वालों की संख्या तकरीबन 17 फीसदी है. वहीं 12 फीसदी लोगों को लगता है कि मंदिर नहीं बल्कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का मोदी सरकार का फैसला उसकी सबसे बड़ी अचीवमेंट्स में से एक है. ये आंकड़े इंडिया टुडे-सी वोटर सर्वे में सामने आए हैं.
राम मंदिर मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि, बेरोजगारी सबसे बड़ी विफलताः MOTN सर्वे
'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में राम मंदिर को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि और बेरोजगारी को सबसे बड़ी विफलता बताई गई है.
.webp?width=360)

इस सर्वे में बेरोजगारी को मोदी सरकार की ‘सबसे बड़ी विफलता’ बताया गया है. वहीं, 'मूड ऑफ द नेशन' के मुताबिक, सरकारी नौकरियों की कमी इस सरकार की ‘सबसे बड़ी समस्या’ है.
और क्या कहता है सर्वे?'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में देश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में तकरीबन 54 हजार लोगों से मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों के बारे में पूछा गया था.
तकरीबन 16.7 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अयोध्या में राम मंदिर का बनना पिछले 11 सालों में मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. हालांकि, फरवरी के MOTN सर्वे में यह आंकड़ा 15.2 प्रतिशत था. जबकि पिछले साल के अगस्त के सर्वे में 17.8 प्रतिशत लोग राम मंदिर को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मान रहे थे.
भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में दूसरा नंबर ऑपरेशन सिंदूर का है. तकरीबन 12.2 प्रतिशत लोगों ने माना कि 7 मई को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला मोदी सरकार का सबसे बड़ा हासिल है.
तकरीबन 10 प्रतिशत लोगों ने माना कि बुनियादी ढांचे का विकास 11 सालों में एनडीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि थी. वहीं, तकरीबन 9.3 प्रतिशत लोगों को लगता है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाना मोदी सरकार का ‘सबसे बड़ा काम’ था.

मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलताओं के बारे में पूछने पर 27.1 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी का नाम लिया. इसके अलावा, धीमी आर्थिक वृद्धि को 6.5 प्रतिशत, सांप्रदायिक हिंसा और अल्पसंख्यकों में खौफ को 5.8 प्रतिशत, महिला सुरक्षा को 5.3 प्रतिशत और आतंकवाद पर अंकुश लगाने में विफलता को 4.8 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार का सबसे बड़ा फेल्योर बताया.
कैसे हुआ सर्वे?‘मूड ऑफ द नेशन’ (MOTN) का यह सर्वे 1 जुलाई 2025 से 14 अगस्त 2025 के बीच किया गया, जिसमें लोकसभा की सभी सीटों से 54 हजार 788 लोगों से राय ली गई. इसके साथ ही C-Voter के नियमित ट्रैकर डेटा के 1 लाख 52 हजार 38 इंटरव्यू भी शामिल किए गए. यानी कुल 2 लाख 6 हजार 826 लोगों की राय पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है.
वीडियो: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या को लेकर कहा- '3 बच्चे पैदा करें भारतीय...', देश के बंटवारे पर क्या कह गए?