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मेघालय: CM संगमा के ऑफिस पर हमले के पीछे 'ठंडी राजधानी' वाली क्या डिमांड है?

विंटर कैपिटल की मांग पर CM बात कर रहे थे, बाहर से पथराव शुरू हो गया.

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CM संगमा (दाएं) के ऑफिस पर हुए हमले में 5 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. (फोटो सोर्स- आज तक)

पूर्वोत्तर राज्य मेघालय का पश्चिमी शहर तुरा. 24 जुलाई, 2023. रात का वक़्त. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा सचिवालय में कुछ संगठनों के नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे. तभी बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ इकठ्ठा हुई और नारेबाजी शुरू कर दी. CM के साथ बैठे लोग भीड़ को समझाने बाहर गए, लेकिन बेरंग वापस लौट आए. कहा कि वो हमारे लोग नहीं हैं. इधर भीड़ ने ऑफिस पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस और दमकल की गाड़ियां जला दी गईं. कुल पांच सुरक्षाकर्मी घायल हुए. हिंसा और आगजनी रोकने के लिए लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. लाठी चार्ज करना पड़ा.

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CM के साथ अंदर कौन लोग थे? पथराव करने वाली भीड़ क्या चाहती थी? पूरा मामला क्या है? जानते हैं.

CM के साथ कौन था?

मेघालय में दो संगठन हैं- एचिक कॉन्शियस होलिस्टिकली इंटीग्रेटेड क्रिमा (ACHIK) और गारो हिल्स मूवमेंट कमेटी (GHSMC). सोमवार रात को CM संगमा, मेघालय के तुरा में मिनी सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग में मौजूद थे. ACHIK और GHSMC के नेताओं से बात चल रही थी. फर्स्ट पोस्ट की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि बाहर करीब 200 से 300 लोगों की भीड़ जमा थी जिसने नारों के साथ पथराव शुरू कर दिया. मेघायल की घटनाओं और मुद्दों से जुड़े न्यूज वेबसाइट The Meghalayan की एक खबर के मुताबिक, हमले में कथित संलिप्तता के लिए BJP महिला मोर्चा की दो पदाधिकारियों सहित कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हमले के लिए भीड़ को उकसाने के आरोप में 2 TMC नेताओं की भी तलाश जारी है. 

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CM संगमा ने कहा,

"मेरा मानना है कि बातचीत जरूरी है. अंदर बातचीत लगभग ख़त्म हो गई थी. हमने बाहर से नारों की आवाज सुनी. मैंने उनसे कहा कि यहां कोई तमाशा न बनाएं. उनके नेता लोगों से बात करने बाहर गए. वो लौटकर आए और कहा कि वे नहीं जानते कि बाहर कौन लोग हैं. उन नेताओं को भी ऑफिस में रुकना पड़ा. क्योंकि वो बाहर नहीं निकल सकते थे."

CM संगमा ने ये भी कहा कि उनके पास हिंसा भड़काने वाले लोगों की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा.

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सोमवार रात को जो हुआ उसके पीछे एक मांग है- तुरा को मेघालय की विंटर कैपिटल यानी शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग. भीड़ जिस ACHIK के नेताओं के समझाने पर भी नहीं रुकी, वही ACHIK चाहता है कि तुरा को 6 महीने (अक्टूबर से मार्च तक) के लिए प्रदेश की शीतकालीन राजधानी बनाया जाए. इस मांग को लेकर ACHIK के नेता बीती 11 जुलाई से बेमियादी भूख हड़ताल पर हैं.

विंटर कैपिटल की मांग क्यों?

इससे पहले, अप्रैल के महीने में भी ACHIK ने मुख्यमंत्री के नाम एक याचिका दी थी. उनका कहना था कि जब से मेघालय राज्य बना है तब से ये सपना देखा जा रहा है. संगठन के मुताबिक सरकार ने तुरा को राजधानी घोषित करने का वादा भी किया था.

ACHIK के अध्यक्ष थॉमस एम. मराक, उनके डिप्टी ग्रेनेथ एम. संगमा और संगठन के जनरल सेक्रेटरी बर्निता आर. मराक की तरफ से मुख्यमंत्री को दी गई याचिका में कहा गया था,

“इस प्रस्ताव (तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करना) को लागू करने में देर हुई तो NDA सरकार (मेघालय में MDA 2.0 जिसकी सहयोगी है.) की सुशासन और सफल होने की उपलब्धि में भी देर होगी. NDA सरकार बरसों से इस सुशासन की वकालत कर रही है और काम भी अच्छा कर रही है. सत्ता के हस्तांतरण और विकेंद्रीकरण से सरकार लोगों के लिए और सुलभ हो सकेगी. उनकी जरूरतों को और बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकेगा.”

तुरा को विंटर कैपिटल घोषित करने की जरूरत बताते हुए कुछ और भी तर्क दिए गए. मसलन,

-तुरा के विंटर कैपिटल बनने से पूरे राज्य में विकास होगा.
-सुविधाओं का एक सामान बंटवारा होगा. 
-किसी खास इलाके का नहीं बल्कि पूरे मेघालय के लोगों का समग्र उत्थान होगा.
-जियो-फिजिकल बैरियर कम होगा यानी ट्रांसपोर्ट वगैरह की सुविधाएं बढेंगी.
-सर्दियों में तुरा में तुलनात्मक रूप से मौसम ठीक रहता है, इसलिए ये विंटर कैपिटल के लिए आदर्श जगह है. 
-खासी-जैंतिया समुदायों के लोग गारो हिल्स को एक्सप्लोर कर सकेंगे. अलग-अलग समुदायों के बीच कम्युनिकेशन, आपसी समझ और सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ेगा.

ACHIK की तरफ से ये भी कहा गया कि दूसरे कई राज्यों की कई राजधानियां हैं. जैसे- आंध्र प्रदेश की तीन, हिमाचल प्रदेश की दो और जम्मू-कश्मीर की दो राजधानियां हैं.

The Meghalayan की एक खबर के मुताबिक थॉमस एम. मराक ने कहा,

"ये दुखद है कि तुरा में विंटर कैपिटल या सेकंड कैपिटल को लेकर मेघालय राज्य के पायनियर्स (शुरुआती नेताओं) के बीच एक आम सहमति थी. फिर भी मेघालय बनने के 51 साल बाद कोई असली नीति नहीं होने के चलते ये एक दूर का सपना बन कर रह गया है."

सोमवार को जब ACHIK के लोग CM संगमा से मिलने गए थे, उसके कुछ घंटे पहले ही BJP नेता बर्नार्ड एन. मराक ने कहा था कि CM को तुरा को विंटर कैपिटल घोषित कर देना चाहिए. लेकिन सबकी राय एकसार नहीं है. राज्य की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह विंटर कैपिटल की मांग के खिलाफ हैं. उनसे कहा गया कि मांग करने वाले लोग भूख हड़ताल पर हैं.

इस पर अपना 'निजी विचार' बताते हुए वो बोले, 

“किसी भी जगह, कोई भी राजधानी बनाने का विचार करना सही नहीं होगा. हम शिलांग में हैं. यही राजधानी है. हमें लगता है कि इन मांगों पर विचार नहीं करना चाहिए. हर जिला यही कहने लगे कि ये मेरे जिले में आओ, वो मेरे जिले में ले आओ, तो हम मुश्किल में पड़ जाएंगे. हमारे लिए प्रशासन चलाना मुश्किल हो जाएगा.”

सोमवार की घटना के बाद ये साफ हुआ है कि पूर्वोत्तर के तीन राज्य, मणिपुर, मिजोरम और मेघालय में किसी न किसी सरकारी निर्णय के चलते या सरकार से किसी मांग के लिए अव्यवस्था, हिंसा और अराजकता की स्थिति बनी हुई है. मेघालय में दूसरी राजधानी की मांग पर आगे क्या होता है, हम आपको बताते रहेंगे.

वीडियो: कौन हैं कोनराड संगमा जिन्होंने मेघालय में कांग्रस को सरकार नहीं बनाने दी

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