मसाले बनाने वाली कुछ बड़ी भारतीय कंपनियां खराब क्वालिटी को लेकर सवालों के घेरे में हैं. आरोप लगे थे कि मसालों में कीटनाशक और कार्सिनोजेनिक पदार्थ मिलाए जा रहे हैं. अब मामले पर सरकार के हस्तक्षेप की जानकारी सामने आई है. खबर है कि FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) क्वालिटी कंट्रोल करने के लिए ऐसा तरीका अपनाने पर विचार कर रही है जिससे कंपनियां खुद ही मसालों के हर बैच की टेस्टिंग करें.
देश से बाहर गंभीर सवाल उठे, अब मसाला कंपनियों को ये भी करना होगा, टेस्टिंग के लिए नया नियम
फिलहाल बाकी प्रॉडक्ट्स की तरह Spices की Testing भी FSSAI और राज्य खाद्य सुरक्षा विभागों की रैंडम चेकिंग के दौरान ही की जाती है. अब बड़ी कंपनियां को नया नियम मानना होगा.

इंडियन एक्सप्रेस ने मामले से परिचित एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से लिखा कि केवल बड़ी निर्माता कंपनियों के लिए हर बैच की टेस्टिंग अनिवार्य करने की योजना बनाई जा रही है. खबर है कि छोटे विक्रेता जो मसालों की कम मात्रा से डील करते हैं और स्थानीय लेवल पर बेचते हैं, उन पर ये नियम लागू नहीं होगा. अधिकारी ने बताया,
अगर छोटे निर्माता हर बैच की टेस्टिंग करेंगे तो इससे उन्हें कॉस्टिंग में दिक्कतें आएंगी. ऐसा कम ही होता है कि छोटे विक्रेता एथिलीन ऑक्साइड जैसे फ्यूमिगेटर का इस्तेमाल करें क्योंकि ये प्रक्रिया बहुत महंगी होती है. बड़े निर्माता ज्यादा स्टॉक की सुरक्षा के लिए ये तरीका अपनाते हैं. छोटे निर्माताओं को इसकी जरूरत नहीं और ना ही वो इसका इस्तेमाल करते हैं.
फिलहाल बाकी प्रॉडक्ट्स की तरह मसालों की टेस्टिंग भी FSSAI और राज्य खाद्य सुरक्षा विभागों की रैंडम चेकिंग के दौरान ही की जाती है. अधिकारी ने बताया,
हमने निर्माताओं से प्रॉडक्ट की टेस्टिंग करने और टेस्ट की कॉपी के साथ ही उसे आगे बेचने के लिए कहा है. हमने खरीदारों से भी कहा है कि वो बिना वैध परीक्षण प्रमाणपत्र के प्रॉडक्ट न खरीदें. टेस्ट रिपोर्टों की एक कॉपी FSSAI के पोर्टल पर भी शेयर करनी होगी. बड़े निर्माताओं के पास पहले से ही टेस्टिंग लैब भी हैं.
बता दें, पिछले महीने हांगकांग ने भारत के दो मशहूर मसाला ब्रैंड एवरेस्ट और MDH पर बैन लगा दिया. आरोप लगाए कि इन मसालों में 'कीटनाशक' मिले हुए हैं जिनसे कैंसर होने का खतरा है. सिंगापुर ने भी Everest के फिश करी मसाला को अपने बाजार से वापस लेने का निर्देश दिया था.
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US Food and Drug Administration FDA ने जनवरी 2022 में MDH के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निरीक्षण किया था. उसने पाया कि प्लांट में पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं नहीं थीं. देखा गया कि प्लांट के उपकरण और बर्तनों को साफ करने या मेंटेन करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया था.
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