अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे में 265 लोगों की मौत की खबर है. इनमें से 241 मृतक विमान के पैसेंजर और क्रू मेंबर हैं. हादसे के तुरंत बाद एयर इंडिया की पैरेंट कंपनी टाटा ग्रुप ने मुआवजे का एलान किया. टाटा ग्रुप की तरफ से 1 करोड़ रुपये की मदद देने की बात कही जा रही है. लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि पैसा टाटा ग्रुप को देना ही नहीं होगा. वो तो इंश्योरेंस कंपनी देगी. सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर ये पैसा इंश्योरेंस कंपनी देगी तो पीड़ित परिवारों तक मदद की राशि पहुंचेगी कब तक. और क्या वाकई में पीड़ित परिवारों को एक करोड़ से भी ज्यादा की मदद मिलेगी?
एयर इंडिया क्रैश: टाटा ने 1 करोड़ के मुआवजे का एलान किया, लेकिन मिलेगा कितना? ये है बीमा का गणित
एयर इंडिया को क्रैश विमान के लिए बीमा राशि के रूप में लगभग 680-980 करोड़ रुपये के बीच की राशि मिल सकती है.

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के नियमों के तहत एयर इंडिया को सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा देना होगा. मॉन्ट्रियल कन्वेंशन भारत ने 2009 में स्वीकार किया था. एयरलाइन शुरू में कुछ अस्थायी मुआवजा दे सकती है, लेकिन यात्रियों के लिए अंतिम मुआवजा मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के आधार पर तय होगा.
इंडिया टुडे की वरिष्ठ पत्रकार नलिनी शर्मा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत एयर इंडिया को हरेक मृतक के लिए ‘151,880 SDR’ की एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा. SDR अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा बनाई गई लेखा इकाई है, जो पांच करेंसीज़ की एक बास्केट पर आधारित है. यह दुनिया भर में एक समान वैल्यूएशन सुनिश्चित करती है. एक SDR का मूल्य है लगभग ₹120. इस आधार पर हर पीड़ित परिवार को करीब ₹1.8 करोड़ रुपये मिलेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए प्रूडेंट इंश्योरेंस ब्रोकर्स के उपाध्यक्ष (एविएशन एंड स्पेशियलिटी लाइन्स), हितेश गिरोत्रा ने कहा,
"विमान में सवार यात्रियों की राष्ट्रीयता के आधार पर मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत एयरलाइन की न्यूनतम जिम्मेदारी तय होगी. चूंकि विमान एक रिहायशी इमारत से टकराया, इसलिए एयरलाइन पर तीसरे पक्ष की संपत्ति को हुए नुकसान की जिम्मेदारी भी होगी."
लेकिन असल बात ये है कि एयर इंडिया को भी बीमा कंपनियों से पर्याप्त मुआवजा मिलेगा. टाटा समूह की बीमा कंपनी और उसकी विदेशी साझेदार AIG (अमेरिका) मिलकर मुआवजा राशि का भुगतान करेंगी. एयर इंडिया ने 1 अप्रैल को 20 बिलियन डॉलर (171,000 करोड़ रुपये) की बीमा पॉलिसी को रिन्यू करवाया था, जिसमें AIG मुख्य रीइंश्योरर है. पिछले साल ही इंडियन एयरलाइन ने 300 से अधिक विमानों के बीमा के लिए 30 मिलियन डॉलर (257 करोड़ रुपये) का प्रीमियम भरा था.
इस पॉलिसी के बीमाकर्ता हैं- 'टाटा AIG जनरल इंश्योरेंस (40% से अधिक हिस्सेदारी), ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस और कुछ अन्य सरकारी बीमा कंपनियां. और अंतिम बिल रीइंश्योरर्स द्वारा वहन किया जाएगा.
एयर इंडिया को कितना मुआवजा मिलेगा?विमान के नुकसान को 'aviation hull all-risk section' बीमा के तहत कवर दिया जाएगा. इसमें विमान की मौजूदा कीमत, स्पेयर पार्ट्स और उपकरण शामिल हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इंश्योरेंस कंपनी हाउडेन इंडिया के CEO और MD अमित अग्रवाल ने कहा,
"ड्रीमलाइनर की कीमत उसकी कॉन्फिगरेशन, उम्र और अन्य कारकों के आधार पर 211 मिलियन से 280 मिलियन डॉलर के बीच हो सकती है. दुर्घटनाग्रस्त विमान (VT-ABN) 2013 मॉडल का था और 2021 में इसकी बीमा राशि लगभग 115 मिलियन डॉलर थी. चाहे नुकसान आंशिक हो या पूर्ण, यह एयरलाइन द्वारा घोषित मूल्य के आधार पर कवर होगा."
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की लिस्ट वैल्यू लगभग 248.3 मिलियन डॉलर है, लेकिन एयरलाइंस को आमतौर पर भारी छूट मिलती है, जिससे वास्तविक बिक्री मूल्य 150-200 मिलियन डॉलर के बीच होता है. हितेश गिरोत्रा कहते हैं,
"विमान की उम्र और मॉडल को देखते हुए, इसकी बीमा राशि लगभग 75-80 मिलियन डॉलर होगी."
इसका मतलब यह है कि एयर इंडिया को क्रैश विमान के लिए बीमा राशि के रूप में लगभग 680-980 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
कब कितना मुआवजा मिलेगा?विमान में 242 लोग सवार थे और जिस मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग में प्लेन गिरा, वहां भी कुछ लोग मारे गए. मृतकों के लिए बीमा मुआवजा मिलने में समय लग सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइन शुरू में अस्थायी मुआवजा दे सकती है, लेकिन अंतिम मुआवजा मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के आधार पर तय होगा. AIG की वेबसाइट के अनुसार, विमान की कवरेज, स्वामित्व और वित्तीय हित की पुष्टि होने पर, AIG 7 दिनों के भीतर अपनी हिस्सेदारी का 50% भुगतान कर सकती है.
हालांकि, इंडिया टुडे की नलिनी अपनी रिपोर्ट में लिखती हैं कि मृतकों में 231 यात्री और 10 क्रू मेंमबर्स शामिल हैं. मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत एयर इंडिया के लिए न्यूनतम मुआवज़ा ₹435 करोड़ से अधिक है. हालांकि, क्रू के सदस्यों को आम तौर पर इंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट के कानूनों के तहत मुआवज़ा दिया जाता है.
नलिनी की रिपोर्ट के मुताबिक मॉन्ट्रियल कन्वेंशन एयरलाइनों को पीड़ितों के परिवारों को कम से कम 16,000 एसडीआर (लगभग ₹18 लाख) का शुरुआती मुआवजा अदा करने का आदेश देता है. किसी भी जांच के समाप्त होने से पहले यह राशि दी जानी चाहिए. यह भुगतान आमतौर पर परिवार की तात्कालिक ज़रूरतों, जैसे अंतिम संस्कार और संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाता है.
नलिनी ने अपनी रिपोर्ट में एक और बात को रेखांकित किया है. उनके मुताबिक मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत कानूनी बाध्यता से परे टाटा समूह ने हर पीड़ित परिवार को अतिरिक्त ₹1 करोड़ का मुआवज़ा देने की बात कही है. मॉन्ट्रियल कन्वेंशन से इतर इस फैसले से हर पीड़ित परिवार को कुल मुआवज़ा लगभग ₹2.8 करोड़ तक पहुंच सकता है, जिसमें वैधानिक और स्वैच्छिक भुगतान दोनों शामिल हैं.
वीडियो: खर्चा-पानी: प्लेन क्रैश के बाद मुआवजे की राशि कैसे तय होती है?