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मणिपुर के 'टाइटलर किंग' और सांसद लेइशेम्बा ने इस IPS पर लगाए धमकाने के आरोप

सांसद के निजी सहायक ने राज्यपाल को पत्र लिखकर IPS अधिकारी के खिलाफ शिकायत की है और मांग की है कि उन्हें तुरंत निलंबित किया जाए.

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मणिपुर से राज्यसभा सांसद लेइशेम्बा सनाजाओबा. (क्रेडिट- India Today NE)

मणिपुर से राज्यसभा सांसद लेइशेम्बा सनाजाओबा के दफ्तर ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाएं हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक लेइशेम्बा की तरफ से आरोप लगाया है कि IG थेमथिंग नगशांगवा ‘जबरदस्ती उनके घर के परिसर में घुस गए और वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों को धमकाया’. सांसद की तरफ से आरोप संगाई फेस्टिवल के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों और सुरक्षा बलों के बीच गुरुवार को हुई झड़प के बाद लगाए गए हैं.

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हालांकि, पुलिस का कहना है कि अधिकारी घर के अंदर नहीं गए. उनका कहना है कि सांसद के सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को अंदर आने दिया, जिससे पुलिस की कार्रवाई रुक गई, और इनमें से एक प्रदर्शनकारी ने IPS अधिकारी पर हमला भी किया.

मणिपुर संगाई फेस्टिवल राज्य का सबसे बड़ा पर्यटन आयोजन है, जो दो साल बाद शुरू हो रहा है. लेकिन राज्य में चल रहे संघर्ष के कारण विस्थापित लोग और घाटी की कई सिविल सोसायटी संस्थाएं इसका विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि पहले विस्थापित लोगों का पुनर्वास, लोगों की स्वतंत्र आवाजाही और 'शांति व सामान्य स्थिति' बहाल होनी चाहिए.

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20 नवंबर को COCOMI नामक संगठन के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन को पुलिस ने रोक दिया, जिससे टकराव हो गया. पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा, और तीन प्रदर्शनकारी घायल हुए.

पुलिस ने बयान में कहा कि प्रदर्शन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध आदेशों का उल्लंघन था. जिस अधिकारी पर आरोप है वह वहीं मौजूद थे और पूरी स्थिति की निगरानी कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि भीड़ को हटाते समय एक महिला प्रदर्शनकारी ने नगशांगवा पर हमला किया और उन पर नस्लभेदी भाषा भी इस्तेमाल की. इसके बाद भीड़ पैलेस की ओर बढ़ गई और वहां सांसद के गार्डों ने उन्हें अंदर आने दिया, जिससे पुलिस को काम करने में दिक्कत हुई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सांसद सनाजाओबा मणिपुर के अंतिम राजा महाराजा बोधचंद्र के पोते हैं और औपचारिक रूप से मणिपुर के 'टाइटलर किंग' भी माने जाते हैं.

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पुलिस का कहना है कि IPS अधिकारी सिर्फ गेट तक गए थे ताकि घर के गार्डों से पूछ सकें कि उन्होंने भीड़ को अंदर क्यों आने दिया. वह महल के परिसर में अंदर नहीं गए.

दूसरी ओर, सांसद के निजी सहायक ने राज्यपाल को पत्र लिखकर IPS अधिकारी के खिलाफ शिकायत की है और मांग की है कि उन्हें तुरंत निलंबित किया जाए. पत्र में आरोप लगाया गया है कि अधिकारी 'जबरदस्ती परिसर में घुस आए', गार्डों को धमकाया और कहा कि वह सांसद पर भी केस कर देंगे. IG ने यह आरोप लगाया कि MP ने विस्थापित लोगों को छुपाया और उन्हें शरण दी. पत्र में यह भी लिखा है कि सांसद का घर कोनुंग यानी मणिपुर का रॉयल पैलेस है, जिसे पवित्र स्थान माना जाता है.

मणिपुर पुलिस ने बताया है कि घटना के संबंध में कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसमें सरकारी कर्मचारी पर हमला, ड्यूटी में बाधा डालना, सुरक्षा बैरिकेड तोड़ना, नस्लभेदी गाली-गलौज करना और सुरक्षित क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश जैसे आरोप शामिल हैं.

पुलिस का कहना है कि वे उस प्रदर्शनकारी की पहचान कर रहे हैं जिसने IG पर हमला किया. पुलिस ने यह भी कहा कि उन्होंने पूरी घटना में संयम बरता और सिर्फ उतनी ही ताकत का इस्तेमाल किया जितनी व्यवस्था बहाल करने के लिए जरूरी थी. 

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