मणिपुर में शनिवार, 13 नवंबर को सुबह 10 बजे के करीब में 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाकर उनके काफिले पर हमला किया गया. इस हमले में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और 9 साल के बेटे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. वहीं चार और जवान शहीद हो गए. कुल सात जानें गई हैं. अभी तक इस हमले की आधिकारिक तौर पर किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन कहा जा रहा है कि मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इसे अंजाम दिया है.
मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हमला, 5 जवान शहीद, CO की पत्नी और बेटे की भी मौत
अब तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

इंडिया टुडे के मुताबिक, घटना मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट की है. आतंकियों ने इस हमले को उस समय अंजाम दिया जब 6 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी फॉरवर्ड कैंप से वापस लौट रहे थे. उस समय उनके काफिले में उनका परिवार भी मौजूद था. आतंकियों को उनकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी. तय रणनीति के तहत सिंघाट में उनके काफिले को निशाना बनाया.
मणिपुर सीएम बिरेन सिंह ने ट्वीट किया,
46 असम राइफल्स के काफिले पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं, इसमें सीओ और उनके परिवार समेत कुछ कर्मियों की मौत हो गई. राज्य के बल और अर्धसैनिक बल पहले से ही आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
मणिपुर के चुराचांदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर कायराना हमला बेहद दर्दनाक और निंदनीय है. देश ने 46 असम राइफल्स के सीओ और उनके परिवार के दो सदस्यों सहित 5 बहादुर सैनिकों को खो दिया है. परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं. जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
मणिपुर में सेना के क़ाफ़िले पर हुए आतंकी हमले से एक बार फिर साबित होता है कि मोदी सरकार राष्ट्र की सुरक्षा करने में असमर्थ है. शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि व उनके परिवारजनों को शोक संवेदनाएं. देश आपके बलिदान को याद रखेगा.
न्यूज एजेंसी ANI ने एक सेना अधिकारी के हवाले से बताया कि आतंकवादियों ने पहले कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर घात लगाकर हमला करने के लिए IED ब्लास्ट किया और इसके बाद वाहनों पर फायरिंग की.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रहने वाले थे. असम राइफल्स में लेफ्टिनेंट कमांडेंड रहे त्रिपाठी को डिफेंस स्टडी में M.Sc. करने के बाद प्रोमोशन मिला था. कर्नल त्रिपाठी ने 8वीं तक की पढ़ाई छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में की थी. उनके छोटे भाई का नाम अनिल त्रिपाठी है. वे सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. उनके दादा डॉ. किशोरी मोहन त्रिपाठी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे.