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NCP वालों ने उद्धव से पूछा, इतने विधायक चले गए और आपको पता भी नहीं लगा!

बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ बागी विधायक SMS के जरिए उनके संपर्क में हैं.

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बाएं से दाहिने: शरद पवार और द्धव ठाकरे (साभार-आजतक)

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट (Maharashtra Political Crisis) के बीच महाविकास अघाड़ी सरकार के सहयोगी दल लगातार बैठकें कर रहे हैं. ऐसी ही एक बैठक शुक्रवार को एनसीपी और शिवसेना के बीच हुई. बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) भी मौजूद रहे. आजतक से जुड़े साहिल जोशी की रिपोर्ट के मुताबिक शिंदे की बगावत को लेकर बैठक में एनसीपी नेताओं ने शिवसेना की टॉप लीडरशिप पर ही सीधे सवाल खड़े कर दिए. वहीं शरद पवार ने उद्धव से कानूनी समेत सभी विकल्प तलाशने को कहा.

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आजतक की खबर के मुताबिक बैठक में एनसीपी नेताओं ने सवाल उठाया कि आखिर शिवसेना के अंदर इतनी बड़ी बगावत हो गई और टॉप लीडरशिप को इसका पता ही न लगा, ये हैरान करने वाली बात है. खबर के मुताबिक एनसीपी नेताओं ने शिवसेना के अंदर हो रही बगावत को लेकर पूछा,   

'इतने बड़े स्तर पर बगावत को लेकर पहले से शिवसेना नेतृत्व को पता क्यों नहीं लगा. यह अजीब लगता है शिवसेना के जो नेता सीएम हाउस में हुई बैठक में शामिल हुए थे, वे बाद में बागी होकर गुवाहाटी चले गए. आखिर पूरे मामले को लेकर शिवसेना के लिए जमीनी स्तर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी जा रही?

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उद्धव ठाकरे की बगावती विधायकों से बात जारी!

इन सवालों पर शिवसेना की तरफ से सीएम उद्धव ठाकरे ने जवाब दिया. उन्होंने कहा,

बगावत से पहले एकनाथ शिंदे हमारे पास आए थे. शिंदे की मांग थी कि शिवसेना फिर से बीजेपी के साथ जाने पर विचार करे. साथ ही शिंदे ने फंड और अन्य विकास के मुद्दे पर विधायकों की शिकायत रखी थी. मैंने उनसे कहा कि हम बीजेपी के साथ नहीं जा सकते, लेकिन फंड के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. 

बैठक में सीएम ठाकरे ने बताया कि कुछ बागी विधायक SMS के जरिए उनसे बात कर रहे हैं और जवाब दे रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही बागी विधायक महाराष्ट्र आएंगे और वापस उनका साथ देंगे. वहीं सीएम ठाकरे ने विधायकों के बागी होकर गुवाहाटी जाने के तरीके पर भी अपनी नाखुशी जताई. 

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कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से कहा कि बगावत होने के बाद शुरू में किसी भी हिंसा या विरोध के खिलाफ कैडर को निर्देश दिया गया था. अंदेशा था कि यह काउंटर प्रोडक्टिव साबित हो सकता है. लेकिन आने वाले दिनों में हमारे कार्यकर्ता इसे लेकर जमीन पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे. 

 

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