मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध 'बल्लाकांड' (Madhya Pradesh Ballakand) में MP-MLA कोर्ट का फैसला आ गया है. 9 सितंबर को आए फैसले में कोर्ट ने पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) समेत सभी 10 लोगों को बरी कर दिया है. आकाश विजयवर्गीय पर निगम अधिकारी ने बल्ले से पीटने का आरोप लगाया था. हालांकि ट्रायल के दौरान फरियादी निगम अधिकारी अपने बयान से पलट गए थे. आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) के बेटे हैं.
पूरा मामला 26 जून 2019 का था. जब इंदौर नगर निगम की टीम गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर मकान को तोड़ने पहुंची थी. इस बीच स्थानीय लोगों ने तत्कालीन विधायक आकाश विजयवर्गीय को बुला लिया. विधायक के आते ही बीजेपी कार्यकर्ता भी जोश में आ गए. इसी दौरान अधिकारियों से उनकी कहासुनी हो गई. घटना के बाद निगम के जोनल ऑफिसर धीरेंद्र बायस पर क्रिकेट बैट से हमला करने का वीडियो वायरल हुआ. आरोप लगा था कि आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम अधिकारी को बैट से मारा. जिसके बाद निगम अधिकारी की शिकायत के बाद 26 जून 2019 को आकाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी भी हुई थी. हालांकि स्पेशल कोर्ट से 29 जून को आकाश को जमानत मिल गई थी और तब से लेकर अब तक केस चल ही रहा था.
मध्यप्रदेश के मशहूर 'बल्लाकांड' पर आया कोर्ट का फैसला, आकाश विजयवर्गीय समेत सभी आरोपी बरी
Madhya Pradesh Ballakand मामले में MP-MLA कोर्ट ने Akash Vijayvargiya समेत सभी 10 लोगों को बरी कर दिया. BJP नेता Kailash Vijayvargiya के बेटे पर एक निगम अधिकारी को पीटने का आरोप लगा था.

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5 साल बाद आया फैसलाअब पूरे 5 साल बाद इसी मामले पर कोर्ट का फैसला आया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने सबूतों के अभाव और फरियादी के बयान के आधार पर आकाश विजयवर्गीय सहित 10 लोगों को बरी किया. एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश देव कुमार ने इस पर फैसला सुनाया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामले में बहस पिछले सप्ताह पूरी हो गई थी. बहस के दौरान आकाश विजयवर्गीय की ओर से पेश हुए वकीलों ने कोर्ट में कहा था कि घटना का पेश किया गया वायरल वीडियो एडिटेड है. केस दर्ज करवाने वाले निगम अधिकारी ने भी बल्ले से मारने की बात से इनकार कर दिया है. वीडियो की फोरेंसिक जांच भी नहीं की गई. ऐसे में आकाश विजयवर्गीय को इस मामले में दोषी नहीं जाना चाहिए और उन्हें बरी किया जाए. जिसके बाद आकाश विजयवर्गीय समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
हालांकि इस मामले में लगे आरोप का खामियाजा आकाश विजयवर्गीय को भुगतना पड़ा था. पूरे मामले को लेकर बीजेपी नेतृत्व नाराज हुआ था. पार्टी ने अनौपचारिक रूप से आकाश विजयवर्गीय को इस सिलसिले में चेतावनी भी दी थी. उन्हें इस तरह से हरकतों से बचने की सलाह मिली थी. यही नहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव में आकाश विजयवर्गीय का टिकट भी कट गया था. आकाश इंदौर-3 सीट से बीजेपी के विधायक थे.
वीडियो: 'बल्लाकांड' केस में कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय पर कोर्ट का फैसला आया, क्या कहा?