कुत्ता, पेट लवर्स का सबसे फेवरेट एनिमल. लोग कुत्ते को इतना प्यार करने लगते हैं कि उसे ‘कुत्ता’ बोल देने पर नाराज हो जाते हैं. कुत्ते से प्यार की कई वजहें हो सकती हैं. महाराज नाम के कुत्ते की कहानी को ही देखिए. कर्नाटक के बेलगावी में रहने वाले कमलेश कुंभर, तीर्थ यात्रा पर गए. इस दौरान अपने कुत्ते महाराज को भी साथ ले गए लेकिन महाराज, पंढरपुर (महाराष्ट्र) में गुम गया. मालिक ने खोजा लेकिन कोई सुराग न मिला. कमलेश घर वापस आए और अगले ही दिन महाराज भी घर पहुंच गया. वो भी 250 किलोमीटर की यात्रा तय कर. अब गांव के लोग महाराज का स्वागत सत्कार कर रहे हैं. गांववालों की नजर में ये किसी चमत्कार से कम नहीं.
250 किलोमीटर चलकर वापस आया खोया हुआ कुत्ता, गांव वालों ने फूल माला चढ़ा चमत्कार बता डाला
Karnataka के Belagavi में एक महाराज नाम का कुत्ता जून महीने में गुम गया. इसके महीने भर बाद 250 किलोमीटर का सफर तय कर वो वापस लौट आया.
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बेलगावी जिले के यमागरनी गांव में कमलेश कुंभर रहते हैं. कमलेश एक वरकारी हैं. वरकारी का संबंध महाराष्ट्र से है. ये लोग पंढरपुर के देवता विट्टल की पूजा करते हैं, जिन्हें कृष्ण का अवतार माना जाता है. वरकारी हर साल आषाढ़ एकादशी और कार्तिक एकादशी को पैदल यात्रा निकालते हैं. कमलेश भी इस यात्रा में शामिल हुए और अपने साथ महाराज को ले गए.
इंडिया टुडे में छपी खबरे के मुताबिक कमलेश ने PTI को बताया कि “महाराज को भजन सुनना भी काफी पसंद है. ये पहली बार नहीं जब वो मेरे साथ किसी यात्रा में गया हो. इससे पहले हम महाबलेश्वर के पास स्थित ज्योतिबा मंदिर की यात्रा में जा चुके हैं. ”
कमलेश ने बताया कि इस बार की यात्रा में भी महाराज हमारे साथ चला. हम सभी भजन गाते और महाराज हमारे साथ चलता. लगभग 250 किलोमीटर तक वे हमारे साथ ही था. फिर जून के आखिरी सप्ताह में हम विठोवा मंदिर पहुंचे. जब हम दर्शन कर बाहर निकले तब महाराजा वहां नहीं दिखा. मैंने उसे ढूंढने की कोशिश की लेकिन उसका पता नहीं चला. लोगों ने मुझे बताया कि महाराज दूसरे ग्रुप के साथ आगे बढ़ गया. इसके बाद भी मैंने उसे खोजा लेकिन महाराज का कोई पता नहीं मिला.
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जुलाई 14 जुलाई के रोज कमलेश अकेले ही घर पहुंचे. लेकिन अगले ही दिन उन्हें घर के बाहर कुछ दिखा. अपनी पूंछ हिलाते हुए महाराज उनके सामने खड़ा था. कमलेश को कुछ समझ नहीं आया. इतने दिनों बाहर रहने के बाद भी महाराज की हालत ठीक थी. साथ ही उसने 250 किलोमीटर का सफर कैसे तय किया? ये सवाल हर किसी के मन में था. बहरहाल कमलेश समेत पूरा गांव महाराज के वापस लौट आने से खुश है.
सभी ने महाराज को फूल माला चढ़ाई और दावत दी. लोग इस घटना को चमत्कार मान रहे हैं. लोगों का कहना है पांडुरंगा भगवान ने महाराज को रास्ता दिखाया जिससे वह गांव तक वापस पहुंच पाया. इस खबर पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट बॉक्स में बताएं.
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