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जब जॉन एफ केनेडी ने चुनाव में खड़े अडॉल्फ़ हिटलर को गिरफ्तार कर लिया था

ECI ने अपने हैंडल पर चुनावी किस्से सीरीज शुरू की है. इस सीरीज में 2008 का किस्सा शेयर किया जब एसपी जॉन एफ कैनेडी ने एडॉल्फ लू हिटलर नाम के कैंडिडेट को अरेस्ट किया था.

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जर्मन तानाशाह (बाएं) और भारतीय नेता अडॉल्फ़ लू हिटलर मराक की तस्वीरें (फोटो/Getty)

विधानसभा चुनाव का माहौल. साल- 2008. राज्य- मेघालय, पुलिस अधीक्षक जॉन एफ कैनेडी ने NCP पार्टी के एक कैंडिडेट को अरेस्ट किया. कैंडिडेट का नाम एडॉल्फ़ लू हिटलर. रंगसाकोना से  चुनाव लड़ रहे थे. अख़बारों में हेडलाइन आई, एडॉल्फ़ हिटलर को जॉन एफ कैनेडी ने अरेस्ट किया. अगर उस वक़्त सोशल मीडिया होता, तो वायरल जगत की जान होती ये हेडलाइन. लेकिन समय का पहिया घूमता है, ठीक वैसे ही आज ये 16 साल पुरानी खबर सोशल मीडिया यूजर्स के बीच खूब चल रही है. कैसे? समझाते हैं....

चुनावी माहौल में नेताओं के अलावा चुनाव आयोग का सोशल मीडिया हैंडल भी एक्टिव हो गया है. इस एक्टिवनेस के बीच ECI ने अपने हैंडल पर चुनावी किस्से की सीरीज शुरू की है. इस सीरीज में कुछ नया, कुछ अलग, कुछ इतिहास के पन्नों से निकलकर हमारी स्क्रीन तक आ पहुंचा. जिसमें पॉपुलरटी गेन की इस पोस्ट ने, पहले आप भी देखिए..

इस पोस्ट में 2008 के मेघालय राज्य चुनावों का किस्सा बताया गया है. जब NCP कैंडिडेट एडॉल्फ़ लू हिटलर मराक को एसपी जॉन एफ कैनेडी ने अरेस्ट किया. आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में. जनरली आपसे पूछा जाए तो आप बोलेंगे, हिटलर माने दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह और जर्मन शासक. 

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और जॉन एफ कैनेडी माने संयुक्त राज्य अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति, 

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फिर इन दोनों को एक साथ अखबार की हेडलाइन में देखकर चौंकना तो आम था, वो भी भारत देश का अखबार. बाद में एडॉल्फ़ लू हिटलर मराक ने NCP से उस सीट का चुनाव जीत भी लिया था. अगर बात करें Adolf Lu Hitler-Marak की. तो बाद के समय में उन्होंने AFP को बताया था कि उनके माता-पिता को इस नाम के बैकग्राउंड के बारे में कुछ नहीं पता था, शायद उन्हें नाम पसंद आया हो और यूं ही रख दिया गया. आगे कहा कि नाज़ी प्रवृत्ति से उनका कोई लेना-देना नहीं है.

द टाइम्स ऑफ़ इजराइल में छपी रिपोर्ट की मानें तो एक बात आती है कि उनके पिता ब्रिटिश आर्मी में थे और हिटलर से नाम में अंतर रखने के लिए बीच में ‘लू’ का प्रयोग किया था.

वैसे ये कोई पहली बार नहीं है, जब सोशल मीडिया पर उनका नाम चला हो. 2011 के समय से उनका नाम एक फैक्ट की तरह सोशल मीडिया पर खूब चलता आया है. 2013 में जब चुनाव लौटे तो उनका नाम फिर खबरों में छा गया था. 

तब बात इतनी फ़ैली थी कि जर्मन सोशल मीडिया यूजर्स तक इस नाम पर आश्चर्यचकित होते दिखे थे.

 नए अपडेट्स में पिछले साल उन्होंने TMC ज्वाइन कर ली. तब तक वो 3 बार विधायकी जीत चुके थे और सालों पहले ही मिनिस्टर के पद जैसी जिम्मेदारी भी निभा चुके थे. देखिए उस मौके का वीडियो. 

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वैसे आपको बता दें जर्मन नेता एडॉल्फ हिटलर ने अप्रैल 1945 में आत्महत्या कर ली थी, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति कैनेडी की नवंबर 1963 में हत्या कर दी गई थी. 

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