The Lallantop

ललित मोदी और उनकी मां के बीच संपत्ति विवाद SC के ये रिटायर्ड जस्टिस सुलझाएंगे

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पार्टियों को गोपनीयता बनाए रखने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करने का निर्देश दिया है

Advertisement
post-main-image
बाएं- ललित मोदी (फोटो- आजतक), दाएं- रिटायर्ड जस्टिस आर वी रवींद्रन (फोटो- सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट)

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी (Lalit Modi) और उनकी मां के बीच संपत्ति को लेकर जारी विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. मामले को लेकर सोमवार, 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक बार फिर सुनवाई हुई. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता के लिए शीर्ष अदालत के ही रिटायर्ड जस्टिस आर वी रवींद्रन (Justice RV Raveendran) को नियुक्त किया है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पार्टियों को गोपनीयता बनाए रखने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करने का निर्देश दिया है. संपत्ति विवाद से जुड़े इस मामले में ललित मोदी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और और एएम सिंघवी कोर्ट में मौजूद हुए. वहीं उनकी मां और बहन की तरफ से कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी दलील दे रहे थे.

ये भी पढ़ें- ललित मोदी किस-किस पर केस ठोकने जा रहे हैं?

Advertisement

चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हीमा कोहली की बेंच ने मामले में सुनवाई की. उन्होंने दोनों पक्षों से कहा कि वो इस मामले को सुलझाने के लिए कोई सॉल्यूशन प्लान लेकर आएं. चीफ जस्टिस ने बताया कि पिछली बार कोर्ट ने आर्बिट्रेटर की नियुक्ति की थी लेकिन मामला सुलझ नहीं सका. उन्होंने कहा-

दोनों पक्षों को इस मामले में निष्पक्ष रहना होगा. वो इसे अपने फायदे के सौदे के रूप में ना देखें.

सुनवाई के बाद केस को 3 अगस्त के लिए लिस्ट कर दिया गया है.

Advertisement

बता दें पिछले साल 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए अदालत के दो पूर्व न्यायाधीशों जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस कुरियन जोसेफ को मध्यस्थ नियुक्त किया था.

क्या है संपत्ति विवाद? 

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 10 फरवरी 2006 को लंदन में मौखिक तौर पर हुए एक समझौते में ललित मोदी के पिता केके मोदी ने बतौर मैनेजिंग ट्रस्टी और बीना, ललित, चारू और समीर ने ट्रस्टी के रूप में सेटलमेंट किया था .

2 नवंबर 2019 को केके मोदी का निधन हो गया जिसके बाद ट्रस्टियों के बीच विवाद खड़ा हो गया. ललित मोदी ने तर्क दिया कि उनके पिता की मौत के बाद ट्रस्ट की संपत्ति की बिक्री के संबंध में ट्रस्टियों के बीच एकमत की कमी को देखते हुए ट्रस्ट की सभी संपत्तियों की बिक्री शुरू की गई है और लाभार्थियों को वितरण एक साल के भीतर किया जाना है. वहीं उनकी मां और दो भाई-बहनों ने तर्क दिया कि ऐसी कोई बिक्री शुरू नहीं हुई है.

देखें वीडियो- सुष्मिता सेन और ललित मोदी की सेक्स लाइफ में घुसने वालों को ये सच दिमाग में डाल लेना चाहिए

Advertisement