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लखीमपुर कांड: यूपी सरकार के वकील ने कोर्ट से बाहर निकलकर किसको फोन मिलाया?

वकील ने कहा, "मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है"

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बाएं से दाएं- सुप्रीम कोर्ट और आशीष मिश्रा (दोनों फ़ाइल फोटो)
लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत मिलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से कड़े सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा है कि आखिर प्रशासन ने आशीष मिश्रा की जमानत क्यों नहीं रद्द की, जबकि मामले की जांच कर रही SIT ने ऐसा करने की सिफारिश की थी. लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के बेटे हैं. इंडिया टुडे से जुड़ीं अनीषा माथुर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने यूपी सरकार की तरफ से दलील पेश कर रहे वकील से पूछा,
"इस मामले को देख रहे जज की रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने जमानत को रद्द करने और इस संबंध में एक एप्लिकेशन दाखिल करने की सिफारिश की थी. आखिर ऐसे क्यों नहीं हुआ?"
चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि मामले की जांच कर रही SIT ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मुख्य आरोपी की जमानत याचिका रद्द करने की सिफारिश की थी. मॉनीटरिंग जज ने भी ऐसा ही कहा था. इधर उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा,
"मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैंने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी है."
रिपोर्ट के मुताबिक, इतना कहने के बाद वकील कोर्ट रूम से बाहर चले गए. उन्होंने मुख्य सचिव को फोन मिलाया और फिर कोर्ट को बताया कि मुख्य सचिव को SIT और मॉनीटरिंग जज की कोई सिफारिश नहीं मिली है. जिसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार से सिफारिश की कॉपी यूपी सरकार के वकील को देने को कहा. मामले में आशीष मिश्रा की पैरवी कर रहे वकील महेश जेठमलानी ने भी एक कॉपी मांगी. उन्होंने मामले की अगली सुनवाई चार अप्रैल को स्थगित करने का आग्रह किया. चीफ जस्टिस ने उनके आग्रह को स्वीकार लिया. हालांकि, ये भी कहा कि मामला एक महीने से ज्यादा खिंच चुका है. SIT ने लगाई थीं गंभीर धाराएं चीफ जस्टिस ने कोर्ट में SIT की जिस सिफारिश की बात की, वो 22 फरवरी को जारी हुई थी. इससे पहले SIT ने ही इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के ऊपर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. SIT की तरफ से कहा गया था कि किसानों के ऊपर पूरी योजना बनाकर गाड़ी चढ़ाई गई थी. साथ ही साथ घटनास्थल पर गोलियां भी चलाई गईं. लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को पिछले साल 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. यह पूरा घटनाक्रम 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुआ था. कुल आठ लोगों की जान गई थी, जिनमें चार किसान शामिल थे.