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म्यांमार से मणिपुर में घुसे 900 से ज्यादा ट्रेंड कुकी उग्रवादी, हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

Manipur news: Manipur सरकार के सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में रणनीतिक ऑपरेशन समूहों की बैठक हुई. इसमें सेना, असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, राज्य पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल समेत सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल थे. अब तक इन उग्रवादियों को लेकर क्या-क्या पता लगा है?

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इनपुर पर चर्चा के लिए रणनीतिक ऑपरेशन समूह की बैठक हुई (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

मणिपुर पुलिस को कुछ दिन पहले इंटेलिजेंस से एक इनपुट मिला था. कहा गया था कि 900 से ज्यादा कुकी उग्रवादी म्यांमार से मणिपुर में घुसे हैं (Manipur Kuki Immigrants Myanmar). खुफिया इनपुट की ये जानकारी जनता के बीच भी प्रसारित की गई. अब खबर आ रही है कि मामले को लेकर म्यांमार की सीमा से लगे पहाड़ी जिलों में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है. 

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 सितंबर को दिए गए इनपुट में कहा गया,

रिपोर्ट मिली है कि ड्रोन-आधारित बम, प्रोजेक्टाइल और मिसाइल के इस्तेमाल की ट्रेनिंग लेने वाले 900 से ज्यादा कुकी उग्रवादी म्यांमार से मणिपुर में एंटर कर चुके हैं. आतंकवादी 30-30 के ग्रुप में हैं और बिखरे हुए हैं. आशंका है कि वो 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर एक साथ हमले शुरू कर सकते हैं.

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खुफिया इनपुट की एक कॉपी 17 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय से पुलिस महानिदेशक, सुरक्षा सलाहकार और गृह आयुक्त को भेजी गई थी. इसके बाद मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने 18 सितंबर को रणनीतिक ऑपरेशन समूह की बैठक की अध्यक्षता की. इसमें सेना, असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, राज्य पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल समेत सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. बैठक में खुफिया इनपुट पर चर्चा हुई.

कुलदीप सिंह ने बताया,

हमने इन एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ इनपुट साझा किए हैं, जिसमें खुफिया जानकारी और संभावित परिस्थितियों से निपटने के उपाय भी शामिल हैं. राज्य ने एजेंसियों को जांच तेज करने का निर्देश दिया है. हमने चुराचांदपुर, फेरज़ावल, टेंग्नौपाल, कामजोंग और उखरुल के जिला अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए भी सूचित किया है.

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इनपुट को लेकर बोले,

जब तक ये गलत साबित नहीं हो जाता, हम यही मानकर चल रहे हैं कि ये 100% सही है.

इनपुट सामने आने के बाद से राज्य की मैतेई बहुल घाटी में चिंता और तनाव का माहौल है.

ये भी पढ़ें- मणिपुर पुलिस को 'मैतेई पुलिस' कहने पर विवाद, राज्य की पुलिस ने स्पष्टीकरण दिया है

बता दें, 1 सितंबर को राज्य में फिर से हिंसा भड़की थी. कौट्रुक और सेनजाम चिरांग के तलहटी गांवों में बम गिराने के लिए कथित तौर पर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया और बिष्णुपुर जिले के गांवों पर लंबी दूरी के रॉकेट दागे गए. उन घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो गई.

छात्रों ने घाटी के इलाकों, खासकर थौबल और इंफाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्रों ने ‘मणिपुर अमर रहे’, ‘अक्षम विधायकों इस्तीफ़ा दो’ और ‘राज्य सरकार को एकीकृत कमान दो’ जैसे नारे लगाए. थौबल में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भिड़ंत के बाद पुलिस-कर्मियों सहित कम से कम 20 लोग घायल हो गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जिसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की.

वीडियो: "मणिपुर की पुलिस मैतेई पुलिस..." इस बयान पर विवाद, राज्य की पुलिस ने जवाब दिया

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