'जम्मू कश्मीर और कश्मीर के लोगों के मौलिक अधिकारों बहाल करने और प्रतिबंध हटाने को लेकर आप अपने नैतिक अधिकार का इस्तेमाल करें. कश्मीर में पिछले 100 दिन से कफ्यू जारी है. 80 लाख से ज्यादा कश्मीरियों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है.'इसके साथ ही शफाकत महमूद ने अयोध्या मामले पर भी टिप्पणी की, उन्होंने भारत में अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को यूनेस्को के धार्मिक मूल्यों के खिलाफ बता दिया. पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री का वीडियो देख लीजिए.
भारत के खिलाफ पाकिस्तान झूठ, छल और कपट करके प्रोपेगेंडा फैला रहा है. हम यूनेस्को को भारत के खिलाफ जहर उगलने के मंच के तौर पर इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की कोशिशों की कड़ी निंदा करते हैं. अयोध्या मामले में भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान ने बिल्कुल गलत टिप्पणी की है. पाकिस्तान की ये दखलंदाजी भारत की सोवरनिटी (संप्रभुता) का उल्लंघन है. पाकिस्तान के इसी विक्षिप्त व्यवहार का ही नतीजा है कि उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है. इसी वजह से वहां कट्टरपंथ के साथ आतंकवाद के डीएनए ने गहरी जड़ें जमा ली हैं.अनन्या अग्रवाल ने आगे कहा-
2018 में पाकिस्तान फ्रेजाइल स्टेट इंडेक्स में 14वें नंबर पर था. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र के मंच को परमाणु युद्ध की धमकी देने के लिए इस्तेमाल कर चुके हैं. इमरान ने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में धमकी दी थी कि अगर दो परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच युद्ध हुआ तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा. क्या यहां मौजूद लोग इस बात पर भरोसा करेंगे कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने हाल ही में ओसामा बिन लादेन और हक्कानी जैसे आतंकियों को पाकिस्तानी हीरो बताया था.अनन्या अग्रवाल ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा भी उठाया, उन्होंने कहा-
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं. बंटवारे के बाद जहां पाकिस्तान में 23 फीसदी अल्पसंख्यक थे, वो आज घटकर 3 फीसदी रह गए हैं. पाकिस्तान में ईसाई, सिख, हिंदू, शिया, पख्तून, सिंधी और बलोच समुदाय के लोगों को ईश निंदा कानून, आपत्तिजनक टिप्पणी व जबरन धर्म परिवर्तन के जरिये हर दिन परेशान किया जाता है. आज पाकिस्तान में महिलाओं को ऑनर किलिंग, एसिड अटैक, जबरन निकाह, बाल विवाह और जबरन धर्म परिवर्तन के जरिये प्रताड़ित किया जा रहा है. लेकिन पाकिस्तान अपने यहां अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार की रक्षा करने की बजाय भारत को बदनाम करने में लगा हुआ है.अनन्या अग्रवाल ने आखिर में उम्मीद जताई कि यूनेस्को के सदस्य किसी भी सदस्य की ओर से इस मंच के दुरुपयोग को रोकेंगे. साथ ही ऐसी हर कोशिश को खारिज करने के लिए सभी सदस्य देश साथ आएंगे. अनन्या अग्रवाल का वीडियो यहां देखिए-
मुझे ख़ुशी है कि आज इस तरह की सुनवाइयां हो रही हैं क्योंकि जब मेरे परिवार और हमारे जैसे लोगों ने अपने घरों, आजीविका और जीवनशैली को छोड़ना पड़ा, तब दुनिया चुप बैठी थी. जब मेरे अधिकार छीने गए थे तब मानवाधिकार की वकालत करने वाले लोग कहां थे?
हम कश्मीर में इस्लामी आतंकवाद से लड़ रहे हैं. हमें इस तथ्य का पता होना चाहिए. सभी मौतें पाकिस्तान की ओर से ट्रेनिंग पाने वाले आतंकवादियों के कारण हो रही हैं. दोहरी बातों से भारत को कोई मदद नहीं मिल रही. राजनियक मामलों में भारत को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं. लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत भारत ने पंजाब और उत्तर पूर्व में अराजकता को हराया है. इस तरह की अराजकता से निपटने के लिए भारत को मज़बूत करने का यह सही समय है ताकि मानवाधिकार से जुड़ी समस्याओं को हमेशा के लिए ख़त्म किया जा सके.
भारत ने कश्मीर पर कब्ज़ा नहीं किया और वह हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा था. भारत की पहचान 70 साल की नहीं है बल्कि यह 5000 साल पुरानी सभ्यता है. कश्मीर के बिना भारत नहीं है और भारत के बिना कश्मीर नहीं.
अयोध्या फैसला: बांग्लादेश में पीएम मोदी और चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लेकर क्या अफ़वाह फैलाई जा रही है?