7वीं क्लास की NCERT की सामाजिक विज्ञान की किताबों में महमूद गजनी के आक्रमणों के हिस्से को बढ़ा दिया गया है. 5 दिसंबर, को जारी की गई नई NCERT की किताब में गजनी के आक्रमण के बारे में जानकारी बढ़ा दी गई है. पहले जहां इस विषय पर सिर्फ एक छोटा पैराग्राफ था, अब इसमें छह पन्नों का विस्तृत विवरण शामिल किया गया है.
महमूद गजनी की क्रूरता डिटेल में पढ़ेंगे बच्चे, चैप्टर से पहले NCERT ने एक मैसेज भी दिया
NCERT की किताब में महमूद गजनी के हमलों की क्रूरता को बताया गया है. इसमें आम लोगों की बड़े पैमाने पर हत्या, बच्चों समेत कैदियों को पकड़कर मध्य एशिया के गुलाम बाज़ारों में बेचने और मंदिरों और पवित्र इमारतों के विनाश का ज़िक्र है.


अब छात्र गजनी के मथुरा, कन्नौज और गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर किए गए आक्रमणों के बारे में पढ़ेंगे, जिनमें चित्र और जानकारी वाले बॉक्स भी शामिल हैं. किताब में न सिर्फ उसके लूटपाट और हमलों का ज़िक्र है, बल्कि इससे होनी वाली मौतों के बारे में भी बताया गया है. साथ ही गैर-मुस्लिम क्षेत्रों में धर्म के प्रचार के बारे में भी बताया गया है.
गजनी के इन हमलों का वर्णन शुरू करने से पहले किताब में ‘A Word of Caution’ नाम की एक चेतावनी भी दी गई है. ऐसा कक्षा 8 के दिल्ली सल्तनत वाले चैप्टर में भी किया गया था.
नोट में स्टूडेंट्स को बताया गया है कि बीती बातों को बदल नहीं सकते, लेकिन उसके बारे में जानने से यह समझने में मदद मिलती है कि ऐसा क्यों हुआ. और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है. हालांकि, इसमें यह भी साफ़ किया गया है कि सदियों पहले हुई घटनाओं के लिए आज कोई ज़िम्मेदार नहीं है.
किताब में महमूद गजनी के हमलों की क्रूरता को बताया गया है. इसमें आम लोगों की बड़े पैमाने पर हत्या, बच्चों समेत कैदियों को पकड़कर मध्य एशिया के गुलाम बाज़ारों में बेचने और मंदिरों और पवित्र इमारतों के विनाश का ज़िक्र है. महमूद को एक शक्तिशाली, लेकिन निर्दयी सेनापति के रूप में दिखाया गया है जो हिंदुओं, बौद्धों, जैनों और यहां तक कि इस्लाम की प्रतिद्वंद्वी शाखाओं को भी निशाना बनाता था. उसके दरबारी इतिहासकार अल-उत्बी जैसे समकालीन स्रोतों में मंदिरों को नष्ट करने, बच्चों और पशुओं को लूट के सामान के रूप में ले जाने, और जीते हुए इलाकों में मस्जिदें बनवाने के विवरण दर्ज हैं. विद्वान अल-बिरूनी ने सोमनाथ शिवलिंग को तोड़े जाने और उसके कुछ हिस्सों को गजनी ले जाने का वर्णन किया है.
किताब यह भी बताती है कि वर्तमान सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण 1950 में हुआ था और उसका उद्घाटन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने किया था. छात्रों को यह भी बताया गया है कि इसके पुनर्निर्माण के लिए सार्वजनिक दान क्यों जुटाया गया.
अध्याय 'Turning Tides: 11th and 12th centuries' में मुहम्मद गौरी, उसके सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक और सेनानायक बख्तियार खिलजी का भी ज़िक्र है. इसमें खिलजी के पूर्वी भारत में किए गए हमलों और नालंदा तथा विक्रमशिला जैसे बौद्ध केंद्रों को नष्ट करने तथा उसके बाद भारत में बौद्ध धर्म के पतन का भी विवरण है. ये सभी बातें पुरानी क्लास 7 की किताब में शामिल नहीं थीं.
अध्याय के अंत में यह बताया गया है कि दक्षिण भारत का बड़ा हिस्सा और उत्तर भारत के कई क्षेत्र तुर्क आक्रमणों के नियंत्रण से बाहर रहे और कई बार स्थानीय शासकों ने उनके खिलाफ एकजुट होकर प्रतिरोध किया.
किताब ग़ज़नवी आक्रमणों को व्यापक ऐतिहासिक संदर्भ में रखती है. इसमें 6वीं से 10वीं सदी के बीच के साम्राज्यों और राजाओं का ज़िक्र है- जैसे कन्नौज, कश्मीर, चालुक्य, राष्ट्रकूट, पल्लव और चोल शासक. साथ ही हूणों और अरबों के आक्रमणों, मसलन, मुहम्मद बिन क़ासिम के सिंध अभियान को भी शामिल किया गया है. इसमें यह समझाया गया है कि उनके आक्रमण का राजनीतिक और धार्मिक प्रभाव भारत में क्यों सीमित रहा.
इस विषय पर NCERT के निदेशक दिनेश सकलानी का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि यह विवरण अपने आप स्पष्ट करता है और इसका उद्देश्य छात्रों को भारत के ऐतिहासिक विकास की संतुलित और विस्तृत समझ देना है. क्लास 7 की नई किताबें इतिहास, नागरिक शास्त्र और भूगोल को मिलाकर दो व्यापक पुस्तकों के रूप में तैयार की गई हैं, जो अब पहले वाली तीन-किताबों की व्यवस्था को बदल रही हैं.
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