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जिस CM को बीजेपी ने खुद हटाया, अब उसकी और फजीहत होने वाली है!

क्या है वो मामला, जिसमें सीधे लोकायुक्त के पास गई थी शिकायत?

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कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ़ जमीन अधिग्रहण से जुड़े एक पुराने मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है (फोटो सोर्स- ANI)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka Ex-CM BS Yediyurappa) मुसीबत में पड़ गए हैं. बंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने एक पुराने मामले में येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस (Corruption Charges) दर्ज करने का ऑर्डर दे दिया है. मामला साल 2006 में 434 एकड़ जमीन के गलत तरीके से अधिग्रहण किए जाने से जुड़ा है. उस वक़्त येदियुरप्पा तत्कालीन बीजेपी-जेडीएस सरकार में डिप्टी सीएम थे. क्या है पूरा मामला? कर्नाटक में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाई गई है. कोर्ट के जज बी जयंत कुमार ने बीती 26 मार्च को येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि येदियुरप्पा के खिलाफ़ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. बता दें कि कर्नाटक में इस समय बीजेपी की सरकार है. जबकि येदियुरप्पा अब तक चार बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बीते साल 2021 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था. तब भी कहा गया था कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा है. अब बात जमीन के मामले की. दरअसल 2013 में वासुदेव रेड्डी नाम के एक व्यक्ति ने कर्नाटक लोकायुक्त के पास एक शिकायत दर्ज की थी. 2006-07 में जब येदियुरप्पा तत्कालीन भाजपा - जनता दल (सेकुलर) सरकार में डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर थे. उस वक़्त राज्य सरकार ने गैर-कानूनी तरीके से 434 एकड़ जमीन को डिनोटिफाई किया. आरोप लगा कि कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत आईटी पार्क बनाने के नाम पर इस जमीन का अधिग्रहण गलत तरीके से किया गया और जमीन को प्राइवेट लोगों को दे दिया गया. जिससे जमीन के असली मालिक और राज्य सरकार दोनों को ख़ासा नुकसान हुआ. इस शिकायत के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की थी, जिसकी जांच फरवरी 2015 में शुरू हुई. पुलिस ने केस बंद करने की सिफारिश की जांच के खिलाफ़ येदियुरप्पा कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंच गए और दलील दी कि हाईकोर्ट उनके अलावा इस मामले के दूसरे आरोपी रहे पूर्व उद्योग मंत्री आरवी देशपांडे के खिलाफ केस खारिज कर चुका है, ऐसे में उनके खिलाफ चल रही जांच बंद कर केस रद्द कर दिया जाए. हालांकि हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ़ केस बंद करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सालों चली लोकायुक्त की जांच के बाद पुलिस ने जनवरी 2021 में क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी. रिपोर्ट में कहा गया कि येदियुरप्पा को जमीन नोटिफाई करने के लिए न कोई पैसा या दूसरा कोई फायदा मिला था और न ही इस मामले में उनके खिलाफ़ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. ऐसे में केस बंद कर देना चाहिए. अब स्पेशल कोर्ट ने क्या कहा है? लोकायुक्त की इस क्लोजर रिपोर्ट को याचिकाकर्ता वासुदेव रेड्डी ने चुनौती दी थी, जिसके बाद जुलाई 2021 में स्पेशल कोर्ट ने पुलिस की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि पुलिस ने अपनी जांच को ठीक तरीके से अंजाम नहीं दिया है. और न ही सबूत उपलब्ध न होने के मामले में जरूरी कानूनी प्रावधान सही से लागू किए गए हैं. जिसके बाद अब स्पेशल कोर्ट के जज बी जयंत कुमार ने कहा है कि केस चलाने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. साथ ही येदियुरप्पा के खिलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(d) और सेक्शन 13(2) के तहत केस दर्ज करने का आदेश दे दिया है.

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