The Lallantop

दिल्ली शराब नीति मामले में के कविता को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने ED-CBI की निष्पक्षता पर उठाए सवाल

K Kavitha की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए Supreme Court ने Delhi High Court से असहमति जताई. के कविता को ED और CBI, दोनों मामलों में जमानत मिली है.

Advertisement
post-main-image
के कविता को जमानत मिल गई है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने BRS नेता के कविता (K Kavitha) को दिल्ली के शराब नीति मामले में जमानत दे दी है. तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) की बेटी के कविता को ED और CBI, दोनों ही केस में जमानत दी गई है. दोनों केस में कोर्ट ने उनसे दस-दस लाख रुपये के बॉन्ड भरने को कहा है. साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा. 

Advertisement

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के दौरान CBI और ED की निष्पक्षता पर सवाल उठाया. और कुछ आरोपियों को सरकारी गवाह बनाने की उनकी सेलेक्टिव अप्रोच की आलोचना की. सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा,

"अभियोजन पक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए. खुद को दोषी ठहराने वाले व्यक्ति को गवाह बनाया गया है! कल आप अपनी मर्जी से किसी को भी चुन सकते हैं? आप किसी भी आरोपी को चुनकर नहीं रख सकते. ये कैसी निष्पक्षता है?" 

Advertisement

ये भी पढ़ें: 'AAP को 25 करोड़ नहीं दिए तो भुगतना पड़ेगा...' के. कविता पर CBI का कोर्ट में आरोप

बेंच ने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है और CBI और ED दोनों मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है. साथ ही, दोनों मामलों में ट्रायल जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है. क्योंकि लगभग 493 गवाहों और लगभग 50 हजार पन्नों के दस्तावेजों की जांच बाकी है. पीठ ने मनीष सिसोदिया के फैसले में की गई अपनी टिप्पणी दोहराई. कहा कि किसी ‘विचाराधीन हिरासत’ को सजा में नहीं बदला जाना चाहिए.

पीठ ने आगे कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 45 (1) के प्रावधान के तहत महिला को जमानत के मामले में विशेष विचार का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों से असहमति जताई कि PMLA की धारा 45 के प्रावधान प्रभावशाली महिला पर लागू नहीं होते हैं. कोर्ट ने आदेश में कहा, 

Advertisement

“ऐसे मामलों पर निर्णय करते समय न्यायालयों को अपने विवेक का प्रयोग करना चाहिए. कोर्ट ये नहीं कहता कि केवल इसलिए कि कोई महिला शिक्षित है या संसद सदस्य या विधान परिषद सदस्य है तो PMLA अधिनियम की धारा 45 के प्रावधान के लाभ की हकदार नहीं है. हमें लगता है कि एकल पीठ ने पूरी तरह से गलत दिशा में कदम उठाया है.”

के कविता को इस साल 15 मार्च की शाम को ED ने गिरफ्तार किया था और तब से वो हिरासत में हैं. CBI ने उन्हें तब गिरफ्तार किया, जब वो ED मामले में न्यायिक हिरासत में थीं.

वीडियो: तिहाड़ जेल से बाहर आते ही मनीष सिसोदिया क्या बोले?

Advertisement