कोरोना के चलते सरकार ने यूजीसी नेट का एग्जाम टाल दिया है.
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
नील नक्षत्र दास. इससे पहले शायद ही आपने ये नाम सुना होगा. इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाले Joint Entrance Exam JEE Mains में असम का टॉपर. 99.8% प्रतिशत अंक लाने वाला, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि नील नक्षत्र दास ने बिना परीक्षा दिए ही 99.8% प्रतिशत अंक हासिल कर लिए. उसके पिता ज्योर्तिमय दास को भी गिरफ्तार किया गया है. वह पेशे से डॉक्टर हैं. दोनों पर एग्जाम में फर्जीवाड़े का आरोप है. तीन और लोग अरेस्ट हुए हैं. पुलिस पता लगा रही है कि नक्षत्र की जगह परीक्षा किसने दी थी.
क्या है मामला? JEE Mains का एग्जाम 5 सितंबर को हुआ था. आरोप है कि नील नक्षत्र दास की जगह कोई और परीक्षा में बैठा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि एग्जाम इनविजिलेटर ने आरोपी की मदद की. नील नक्षत्र दास एग्जाम वाले दिन सेंटर पर गया. बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाई. आंसरशीट पर नाम और रोल नंबर लिखकर लौट आया. फिर नक्षत्र की जगह किसी और ने परीक्षा दी. पुलिस ने एग्जाम सेंटर को सील करके मैनेजमेंट को समन भेजा है. इस सिलसिले में टेस्टिंग सेंटर के तीन कर्मचारी- हेमेंद्र नाथ शर्मा, प्रांजल कलिता और हिरुलाल पाठक को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
कैसे हुआ खुलासा?
गुवाहाटी के मथुरानगर के रहने वाले मित्रदेव शर्मा ने 23 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज करवाई थी. अजरा पुलिस स्टेशन में. सोशल मीडिया पर एक फोन कॉल का ऑडियो और वॉट्सऐप चैट वायरल हुआ था. ऑडियो और चैट में कथित तौर पर आरोपी नील नक्षत्र दास की चीटिंग करने की बातचीत सामने आई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बेटे को इस तरह से एग्जाम क्लियर करवाने के लिए उसके पिता ने 15-20 लाख रुपए खर्च किए हैं. इसी पर अजरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की. केस नंबर 624/2020 के तहत. गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर एम.पी. गुप्ता ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा,
असम में JEE Mains के टॉपर के खिलाफ कथित तौर पर परीक्षा में बैठने के लिए प्रॉक्सी का इस्तेमाल करने को लेकर अज़रा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. जांच से पता लगा है कि उम्मीदवार ने एक एजेंसी की मदद से अपने बजाय किसी दूसरे शख्स से पेपर सॉल्व कराया था. इसमें गुवाहाटी के टेस्टिंग सेंटर के कर्मचारी भी शामिल हैं. यह एक बड़े घोटाले का हिस्सा हो सकता है, जिसमें देशभर के लोग शामिल हो सकते हैं. हम सभी पहलुओं को देख रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जिस सेंटर का मामला है, वह TCS-iON द्वारा संचालित है. यह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की एक इकाई है. असम पुलिस ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को इस बारे में सूचना दी है, जेईई एग्जाम कराती है. इसके बारे में डेटा की जांच में मदद के लिए भी कहा है.