कंसल्टिंग फर्म एक्सेंचर (Accenture Lays Off) ने पिछले तीन महीनों में 11,000 से ज्यादा कर्मचारियों को कंपनी से निकाल दिया है और हो सकता है कि यह छंटनी इसी तरह जारी रहे. यह कंसल्टेंसी एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है. कंपनी को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है, जहां मानव कंसल्टेंट की बजाय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से मदद ली जा सके.
एक्सेंचर ने 11,000 कर्मचारियों को किया बाहर, कंपनी CEO ने ये वजह बताई है
Accenture ने उन कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का फैसला लिया है, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े कामों के लिए दोबारा ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती. कंपनी की CEO ने क्या बताया?


बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, IT दिग्गज एक्सेंचर ने उन कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का फैसला लिया है, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े कामों के लिए दोबारा ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती है. हालांकि, कंपनी अगले एक साल में और ज्यादा लोगों को हायर करने की प्लानिंग कर रही है. एक्सेंचर ने 86.5 करोड़ डॉलर की रीस्ट्रक्चरिंग योजना शुरू की है.
कंपनी की CEO जूली स्वीट ने बताया कि अगस्त के आखिर तक कंपनी में 779,000 से ज्यादा लोग कार्यरत थे. जबकि तीन महीने पहले यह संख्या 791,000 थी. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि रिस्किलिंग ही सबसे बेहतर विकल्प है. लेकिन सभी कर्मचारियों के लिए यह संभव नहीं है. CEO जूली ने कहा,
तकनीक की हर नई लहर का एक समय होता है, जब आपको ट्रेनिंग और रिस्किलिंग की जरूरत होती है. एक्सेंचर का मकसद इसे बड़े पैमाने पर करना है.
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AI के इस उभरते दौर में ज्यादातर कंपनियां उस पर भरोसा जता रही हैं. यही वजह है कि IT सेक्टर की दिग्गज कंपनियां AI की वजह से बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही है. हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट ने भी कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, लेकिन कंपनी ने नए लोगों को भी शामिल कर लिया, जिससे कर्मचारियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसी तरह, मार्क जुकरबर्ग की मेटा ने भी इस साल की शुरुआत में अपने कार्यबल के लगभग 5 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाल दिया था. लेकिन जल्द ही AI के आधार पर हायरिंग शुरू कर दी.
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