बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के कर्ता-धर्ता जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने रामायण और राम पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि कई जगह राम को काल्पनिक माना गया है. मांझी ने कर्म की प्रधानता पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि वो बुद्ध और बौद्ध संप्रदाय को मानते हैं.
'राम काल्पनिक हैं, उनके मूल्य नहीं' - जीतन राम मांझी ने राम पर जो कहा, सबको सुनना चाहिए!
बिहार के पूर्व CM जीतन राम मांझी ने कहा कि लोग भगवान राम को मानते हैं, राम ने तो सबरी का झूठा खाया था. कैसे राम भक्त हैं वो, जो सबरी के ही खानदान से छुआछूत करते हैं.

उन्होंने कहा,
मेरे भाई को रामायण एकदम कंठस्थ है. वो हर चीज में जहां भी जरूरत होती है रामायण का हवाला देते हैं. उसी की देखा-देखी हम भी कभी-कभी रामायण का कुछ बोल लेते हैं.
हम मानते हैं कि रामायण एक काव्य है, महाकाव्य है. उसके पात्र भगवान हैं, ये नहीं मानते. राहुल सांकृत्यायन की पुस्तक को पढ़ के देखिए, उन्होंने राम को काल्पनिक माना है. डिस्कवरी ऑफ इंडिया में भी राम को काल्पनिक माना गया है. प्रेमचंद की कहानियों में बहुत से पात्र हैं, तो क्या वो सच्चे पात्र थे? हम मानते हैं कि रामायण में उनके बहाने कुछ बातें कही गई हैं.
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कर्म ही पूजा है: जीतन राम मांझीबिहार के पूर्व सीएम ने कहा जब यही है कि हम कर्म करेंगे, उसी के आधार पर सब मिलेगा. तो भगवान कहां आते हैं? पूजा पाठ कहां आता है? कर्म ही पूजा है. कर्म की ही विजय होती है. इन सब बातों पर उनका विश्वास है. मांझी ने कहा कि वो मॉरल वैल्यूज़ यानी नैतिक मूल्यों को मानते हैं.
भगवान राम के प्रति उनके विचारों से जनता के नाराज होने के सवाल पर मांझी ने कहा,
“अगर जनता कहती है कि हम पूजा कर रहे हैं आइए, हम जाते हैं. उनकी आस्था से हमको एकदम प्यार है. हम मुख्यमंत्री थे हम को नीतीश मिश्रा मधुबनी ले गए थे. वहां एक मंदिर में गए. हम गए तो उसके बाद मंदिर को धुलवाया गया."
मांझी ने बताया कि जगजीवन मंदिर गए थे तो उसके बाद मंदिर साफ कराया गया था. इस भावना की हम कदर नहीं करते हैं. हम भी मनुष्य हैं, अगर हम किसी भावना से जाते हैं तो लोग कहते हैं कि मंदिर दूषित हो जाएगा. राम-भक्तों को नसीहत भी दी कि भगवान राम ने तो सबरी का झूठा खाया था और आज सबरी के ही खानदान से छुआछूत किया जाता है. राम के कैसे भक्त हो तुम. हम बिल्कुल इस तर्क पर बात करते हैं.
मांझी ने अंत में कहा, ‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई’. उन्होंने बताया कि ये बाइबल ने भी कहा है कि दूसरों को फायदा देने से, दूसरे को प्रेम करने से ही भगवान खुश होता है. भगवान ने जिस जीव को बनाया है, उस जीव को अगर आप प्यार करते हो तो भगवान आपको मानता है.
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