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'गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी' - मनोज सिन्हा का वायरल बयान, सच्चाई क्या है?

डिग्री के संशय के दौर में अब बारी महात्मा गांधी की है.

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महात्मा गांधी और मनोज सिन्हा (फोटो - आजतक/यूट्यूब)

मोहनदास करमचंद गांधी. अप्रैल 1893 में साउथ अफ़्रीका चले गए थे. 21 बरस वहीं रहे. अपने विचार, नैतिकता और राजनीति वहीं मांजी. अन्याय और वर्ग भेद के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी. वक़ील तो थे ही, नेता भी बन गए. फिर 1915 में भारत वापस आ गए और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया.

वक़ील थे, लेकिन डिग्री नहीं थी. ऐसा हम नहीं कह रहे, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है. उपराज्यपाल का दावा है कि कई पढ़े-लिखे लोगों को भी भ्रांति है, लेकिन गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी. कुछ समय पहले नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर सवाल उठे थे, फिर स्मृति ईरानी की डिग्री सवालों के घेरे में थी. डिग्री के संशय के दौर में अब बारी महात्मा गांधी की है. ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. पहले क्या बोला, वो जानिए.

23 मार्च को शहीद दिवस होता है. भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू को फांसी और अवतार सिंह संधु 'पाश' की हत्या के साथ डॉ राम मनोहर लोहिया का जन्मदिन भी पड़ता है. इसी मौक़े पर मनोज सिन्हा ने ग्वालियर की ITM यूनिवर्सिटी में भाषण दिया. लोहिया के बारे में अच्छी बातें कीं. कहा कि स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और दार्शनिक के तौर पर डॉ. लोहिया ने बराबरी, मानवीय गरिमा और सामाजिक न्याय के लिए अथक प्रयास किए और आम आदमी को नई उम्मीद दी थी.

लोहिया से होते हुए बात गांधी तक पहुंची. गांधी के बारे में भी उपराज्यपाल ने अच्छी-अच्छी बातें कीं.

"..जितनी चुनौतियां आईं, जितनी परिक्षाएं आईं, उन्होंने सत्य कभी नहीं त्यागा और महात्मा गांधी ने अंतरध्वनि को पहचान लिया. परिणाम हुआ कि राष्ट्रपिता हो गए. एक और चीज़ मैं आपसे कहना चाहता हूं. शायद कम लोगों को मालूम हो. देश के कई पढ़े-लिखे लोगों को भी भ्रांति है कि गांधी जी के पास लॉ डिग्री थी. गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी. मंच पर बैठे हुए कुछ लोग भी इस बात का प्रतिकार करेंगे, लेकिन मैं तथ्यों के साथ आगे बात करूंगा."

आगे उन्होंने अपनी बात के पीछे ‘लॉजिक’ दिया. कहा,

"कौन कहेगा कि गांधी जी शिक्षित-प्रशिक्षित नहीं थे? (अंग्रेज़ी में) लेकिन क्या आपको पता है कि उनके पास कोई यूनिवर्सिटी डिग्री या क्वॉलिफ़िकेशन नहीं थे. उनके पास बस एक हाई-स्कूल डिप्लोमा था. लॉ प्रैक्टिस करने के लिए उन्होंने क्वॉलिफ़ाई किया था, मगर उनके पास कोई लॉ डिग्री नहीं थी."

जो बात उन्होंने हिंदी में बोली, वही अंग्रेज़ी में बोली. लगा किसी को कोट कर रहे हैं. किसी किताब का अंश पढ़ रहे हैं. लेकिन उन्होंने ऐसे किसी संदर्भ का ज़िक्र नहीं किया. फिर शिक्षा के लिए डिग्री ज़रूरी नहीं है वाली बात करने लगे.

आप यहां पूरा वीडिया देख सकते हैं.

लोगों ने भर-ऊर के कॉमेंट किया है. लोग लिख रहे हैं ये बनाया हुआ तथ्य है. इसमें सच्चाई नहीं है. लॉ प्रैक्चिस करने के लिए लॉ की डिग्री अनिवार्य है. 

इसमें तथ्य क्या है? Mkgandhi.org के मुताबिक़, गांधी ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) से 3 सालों में क़ानून की डिग्री सफलतापूर्वक पूरी की थी.

वीडियो: किताबी बातें: महात्मा गांधी के सामने नेहरू पर क्या भविष्यवाणी कर एक बैल सबको चौंका गया था?