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यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद में नमाजियों को इजरायली पुलिस ने पीटा, बदले में चले रॉकेट

तोड़फोड़, फायरिंग और मारपीट के वीडियो वायरल.

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अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण है (फोटो- ट्विटर)

यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद पर इजरायली पुलिस के छापे (Al Aqsa Mosque Israel Violence) के बाद तनाव की स्थित बन गई है. इस बीच गाजा पट्टी से कम से कम 9 रॉकेट दागे गए. जवाब में इजरायल की ओर से हवाई हमले किए गए. अल अक्सा मस्जिद तोड़फोड़, फायरिंग और मारपीट से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 अप्रैल की शाम को इजरायली पुलिस ने यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद पर छापा मारा. पुलिस का कहना था कि छापेमारी मस्जिद में आंदोलनकारियों को घुसने से रोकने के लिए की गई. रमजान के चलते मस्जिद परिसर में काफी भीड़ थी. पुलिस ने कहा कि मस्जिद में उनके ऊपर पथराव किया गया.

वहीं, फिलिस्तीनियों का दावा है कि छापेमारी के दौरान इजराइली पुलिस ने स्टन गन और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया गया, जिसके चलते 50 लोग घायल हुए. आरोप है कि पुलिस ने नमाज अदा कर रहे लोगों पर हमला किया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भी पुलिस, मस्जिद में कुछ लोगों की पिटाई करती दिख रही है. लोगों को टॉर्च की रोशनी में लाठी-डंडों से पीटा जा रहा है.

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इधर, गाजा पट्टी से रॉकेट दागे गए. जिसके जवाब में इजरायल ने हवाई हमले किए. खबर है कि इजरायली टैंकों ने हमास के ठिकानों पर भी गोलाबारी की. फिलिस्तीन के इस्लामी चरमपंथी संगठन हमास ने रॉकेट हमलों की जिम्मेदारी तो नहीं ली, लेकिन अल-अक्सा पर हुई छापेमारी को लेकर प्रतिक्रिया देने की बात कही.

हिंसा को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा,

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कुछ "चरमपंथी" मस्जिद के अंदर थे. वो हथियारों, पत्थरों और आतिशबाजी का इस्तेमाल कर खुद को बचा रहे थे. उनके चलते ही ये स्थिति पैदा हुई. इज़राइल टेंपल माउंट पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम हिंसक चरमपंथियों को इसे बदलने की अनुमति नहीं देंगे.

वहीं फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदीनेह ने कहा,

हम पवित्र स्थलों पर सीमा पार करने के खिलाफ कब्जे की चेतावनी दे रहे हैं. इससे बड़ा विस्फोट होगा.

फिलिस्तीनी समूहों ने भी नमाजियों पर इजरायल के हमलों की निंदा की और उसे एक अपराध बताया है.

तमाम देश हमलों की निंदा कर रहे

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अल-अक्सा मस्जिद में 'इजरायली सेना के कब्जे की कोशिश, नमाजियों पर हमले और कई लोगों को गिरफ्तार किए जाने' की कड़ी निंदा की है. बयान में कहा गया,

इस तरह की घटनाएं शांति के प्रयासों को कमजोर करती हैं. ये अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों और मानदंडों का उल्लंघन है.

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा,

हम अल-अक्सा मस्जिद पर हमला करने वाले इजरायली सुरक्षाबलों की निंदा करते हैं जिसमें हरम-ए शरीफ (अल-अक्सा मस्जिद) की पवित्रता और ऐतिहासिक यथास्थिति का उल्लंघन करके कई फिलिस्तीनी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है. रमजान के पवित्र महीने के दौरान मस्जिद अल-अक्सा में नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ ये हमले किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हैं. इजरायली सरकार को तत्काल सभी कार्रवाइयों और हमलों को बंद करना चाहिए, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है.

बता दें, यरुशलम के पुराने शहर में स्थित अल-अक्सा मस्जिद, इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. रमजान के दौरान यहां हजारों लोग प्रार्थना करने आते हैं. इसे यहूदी धर्म का सबसे पवित्र स्थल भी माना जाता है.

वीडियो: दुनियादारी: इजरायल में आतंकी हमले के बाद क्या मोसाद ने ईरान पर हमला किया?

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