ईरान ने तीन पुरुषों को जासूसी आरोप में फांसी (Iran hangs 3 Israeli spies) दे दी है. उन पर इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए गए थे. ईरान की न्यायपालिका से जुड़ी न्यूज एजेंसी मिजान ने ये जानकारी दी है.
ईरान ने तीन 'मोसाद जासूसों' को दी फांसी, 700 से अधिक गिरफ्तार, सीजफायर के बीच बड़ा एक्शन
ईरान के सरकारी चैनल के मुताबिक, Israel की मदद के आरोप में Iran में 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

ये घटना ऐसे वक्त में हुई है जब 12 दिनों के संघर्ष के बाद इजरायल-ईरान ने सीजफायर की घोषणा की है. मिजान के अनुसार, तीनों पर मोसाद की मदद करने और एक अज्ञात व्यक्ति की हत्या में इस्तेमाल किये गए हथियारों की तस्करी के आरोप थे. हालांकि, न्यूज एजेंसी ने इस मामले पर विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी.
इसके अलावा, ईरान के सरकारी चैनल नूरन्यूज ने रिपोर्ट किया है कि, इजरायल से जुड़े होने के कारण 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद की मदद के आरोप में ईरान ने कई लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है.
ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर दशकों से इजरायल के निशाने पर रहा है. इजरायल का मानना है कि वो अपने किसी भी दुश्मन देश को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा. इसी बात का हवाला देकर उसने अमेरिका की शह पर ईरान पर हमला किया. 12 दिनों तक संघर्ष चला. इस दौरान अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइटों पर हमला किया.
इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एलान किया कि ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया. लेकिन ईरान ने और कुछ स्वतंत्र मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि इन न्यूक्लियर साइटों को उतना नुकसान नहीं पहुंचा है, जितने का दावा ट्रंप ने किया है. कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि अमेरिकी हमलों से पहले ही ईरान ने इन साइटों से अपने प्रमुख संसाधन हटा लिए थे. ये भी कहा गया है कि एक महीने के समय में ईरान अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम फिर से शुरू कर लेगा.
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इसके बाद ट्रंप ने एक और घोषणा की. उन्होंने कहा कि इजरायल और ईरान सीजफायर के लिए मान गए हैं. हालांकि, उनके इस एलान के कुछ ही समय बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर सीजफायर के उल्लंघन के आरोप लगाए. इस पर ट्रंप ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मिडिल ईस्ट में शांति कायम रखना जरूरी है और इसके लिए दोनों देशों को सीजफायर का पालन करना होगा.
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