साल था 2014. पंजाब का एक इलाका अबोहर. यहां जिले के कप्तान के रूप में IPS कुलदीप सिंह चहल (IPS Kuldeep Singh Chahal) तैनात थे. पुलिस को पंजाब के सबसे बड़े गैंगस्टरों में से एक लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के ठिकाने के बारे में पता चला. कुलदीप सिंह चहल ने अपनी टीम के साथ जाकर लॉरेंस बिश्नोई को धर पकड़ा. वही लॉरेंस बिश्नोई जो साल 2022 में गायक सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में भी शामिल था. अपनी सक्रियता का इनाम भी कुलदीप सिंह चहल को मिला. उन्हें साल 2020 में चंडीगढ़ - एक केंद्रशासित प्रदेश - में तैनाती मिली, बतौर एसएसपी.
इस IPS ने लॉरेंस बिश्नोई को दौड़ाकर पकड़ा था, ट्रांसफर की कहानी वायरल है!
IPS की कहानी मज़ा दे देगी!
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लेकिन एक समय लॉरेंस बिश्नोई को पकड़ने वाले कुलदीप चहल को 13 दिसंबर 2022 के दिन SSP चंडीगढ़ के प्रभार से औचक तरीके से हटा दिया गया. और इसको लेकर अब बवाल खड़ा हो गया है.
क्या है पूरा मामला?इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कुलदीप पंजाब काडर में साल 2009 बैच के IPS अधिकारी हैं. कुलदीप को मंगलवार 13 दिसंबर के दिन चंडीगढ़ एसएसपी के प्रभार से हटाया गया था. इसको लेकर चंडीगढ़ पुलिस विभाग पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है. वहीं अब पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित आमने-सामने आ गए हैं.
दरअसल, कुलदीप चहल को SSP चंडीगढ़ के पद से हटाकर हरियाणा कैडर की आईपीएस अधिकारी SSP (ट्रैफिक) मनीषा चौधरी को ये प्रभार सौंप दिया गया है. आसान तरीके से कहें तो पंजाब काडर के एक अधिकारी की जगह हरियाणा काडर का एक अधिकारी. और ये निर्णय तब लिया गया है, जब कुलदीप चहल का कार्यकाल खत्म होने में 10 महीने बाकी थे.
लेकिन बवाल किस बात पर?
बवाल ये है कि चंडीगढ़ में एक प्रैक्टिस चली आ रही है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर बताती है कि चंडीगढ़ का SSP (लॉ एंड ऑर्डर) का प्रभार पंजाब काडर के IPS अधिकारी के पास जाता है, वहीं SSP (ट्रैफिक) का प्रभार हरियाणा काडर के अधिकारी के पास. इस बार ऐसा नहीं हो रहा है, और इस पर ही बवाल हो रहा है. इंडियन एक्सप्रेस से एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
“चहल को SSP के पद से हटाए जाने से पहले कई IPS अधिकारियों ने चंडीगढ़ प्रशासक से बातचीत के लिए राजभवन का दौरा किया था. 12 दिसंबर की शाम जब चहल को रिलीव करने का आदेश सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था, उस वक्त कम-से-कम चार सीनियर अधिकारी राजभवन पहुंचे थे. इसमें एक IPS अधिकारी और तीन IASअधिकारी शामिल थे.”
अधिकारी ने आगे बताया कि चहल को उनके हटाए जाने के बारे में 12 दिसंबर शाम तक कोई जानकारी नहीं थी. न ही चहल से इस बारे कोई सलाह ली गई, जैसा कि स्टैंडर्ड प्रैक्टिस में किया जाता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, DGP प्रवीर रंजन और कुलदीप चहल से इस मामले में बात करने की कोशिश भी की गई, लेकिन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला. जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ कार्यकाल के दौरान DGP रंजन ने चहल को नौ प्रशंसा पत्र और एक गोल्ड डिस्क भी दी थी.
पंजाब सीएम भगवंत मान ने किया विरोधपंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस कदम का विरोध करते हुए गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित को एक पत्र लिख भेजा. खबर के मुताबिक, उन्होंने राजभवन के इस कदम पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए लिखा,
“जैसा कि आप जानते हैं चंडीगढ़ SSP का पद हमेशा से पंजाब काडर के IPSअधिकारी को दिया जाता था. और डिप्टी कमिश्नर चंडीगढ़ का पद हरियाणा काडर के IAS अधिकारी के पास होता था. लेकिन मैं ये जानकर हैरान हूं कि कुलदीप सिंह चहल को समय से पहले पंजाब वापस भेज दिया गया है. और इस पद का प्रभार हरियाणा काडर के IPS अधिकारी को सौंप दिया गया है.”
मान ने अपने पत्र में आगे कहा कि ये कदम चंडीगढ़ के मामलों में दोनों राज्यों के बीच संतुलन को बिगाड़ने का काम करेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये कदम उस वक्त सामने आया है जब राजभवन और पंजाब सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर आमने-सामने थे. इसके अलावा पंजाब ऐग्रिकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU) के कुलपति की नियुक्ति को लेकर भी दोनों में विवाद हुआ था.
कौन है आईपीएस कुलदीप सिंह चहल?कुलदीप चहल हरियाणा के जींद जिले के उझाना गांव में साल 1981 में जन्मे थे. कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद वो अपने भाई सुरेश कुमार के साथ पंचकूला रहने लगे. पंजाब यूनिवर्सिटी से एमए करने के साथ-साथ उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी. 2005 में कुलदीप चंडीगढ़ पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) के रूप में भर्ती हुए थे. सर्विस में रहते हुए उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और चार साल बाद सिविल सेवा परीक्षा में 82वीं रैंक हासिल कर IPS बने. उन्हें पंजाब काडर मिला था.
IPS कुलदीप को पंजाब में गैंगस्टरों और अपराधियों पर नकेल साधने के लिए जाना जाता है. इसके लिए उन्हें साल 2018 में पुलिस मेडल और डायरेक्टर जनरल कमेंडेशन डिस्क भी दिया गया था. साल 2012 में वे सबसे पहले लाइमलाइट में आए थे. इस साल उन्होंने गैंगस्टर शेरा खुभान के एनकाउंटर में अहम रोल निभाया था. खुभान उस वक्त पंजाब के टॉप गैंगस्टरों में से एक था और उसे गैंगस्टर जयपाल भुल्लर का संरक्षक भी माना जाता था.

इसके बाद आता है साल 2014. इस साल कुलदीप सिंह चहल ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को गिरफ्तार किया था. उस वक्त वो SP अबोहर के पद पर तैनात थे.
चहल को अक्टूबर 2020 में चंडीगढ़ SSP के रूप में नियुक्त किया गया था. इससे पहले SSP मोहाली के पद पर रहते हुए उनकी टीम ने साल 2018 के एक कार जैकिंग मामले में अपराधी सुनील मसीह को मुठभेड़ में मार गिराया था.
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