केंद्र सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के जाने माने अधिकारी नलिन प्रभात (Nalin Prabhat) को जम्मू-कश्मीर पुलिस का DGP नियुक्त है. नलिन 1 अक्टूबर को आर. आर. स्वैन के रिटायर होने के बाद ये जिम्मेदारी संभालेंगे. तब तक वो स्पेशल DG के रूप में काम करेंगे. नलिन आंध्र प्रदेश कैडर के 1992 बैच के IPS अफसर हैं.
जम्मू-कश्मीर में चुनाव की संभावना के बीच नए DGP की नियुक्ति, कौन हैं नलिन प्रभात?
नलिन प्रभात ने अपना अधिकांश करियर कॉन्फ्लिक्ट ज़ोन में बिताया है. वे आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के अलावा कश्मीर और लद्दाख में भी लंबे समय के लिए रहे हैं. उनके पास आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है.

नलिन प्रभात की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब जम्मू-कश्मीर में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. 15 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश में बताया है,
“आंध्र प्रदेश कैडर से इंटर कैडर डेप्यूटेशन पर AGMUT कैडर में शामिल होने के परिणामस्वरूप, प्रभात को तत्काल प्रभाव से 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल DG के रूप में तैनात किया जाता है. 30 सितंबर को AGMUT कैडर के 1991 बैच के IPS आर. आर. स्वैन के रिटायरमेंट के बाद 1 अक्टूबर से प्रभात को अगले आदेश तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के DGP के रूप में नियुक्त किया जाता है.”
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि जिस वक्त ये ऑर्डर आया, नलिन प्रभात अपने घरवालों से मिलने के लिए छुट्टी की योजना बना रहे थे. नलिन को स्वैन के 11 महीने के कार्यकाल के बाद जम्मू कश्मीर के DGP पद की जिम्मेदारी दी गई है.
NSG में रहे हैं नलिनइंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 14 अगस्त को अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट (ACC) ने नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के DG नलिन प्रभात के इंटर कैडर डेप्यूटेशन को मंजूरी दी थी. नलिन को AGMUT कैडर में तीन साल के लिए डेप्यूटेशन डाला गया है. उन्हें तीन महीने पहले ही NSG का DG नियुक्त किया गया था. ACC ने उन्हें 31 अगस्त 2028 तक इस पद पर रहने के लिए मंजूरी दी थी.
NSG में शामिल होने से पहले प्रभात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एडिशनल DG और स्पेशल DG थे. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में इसके गठन का नेतृत्व भी किया था. नलिन कश्मीर और दक्षिण कश्मीर सेक्टरों के उप-महानिरीक्षक (DIG) के पद पर भी काम कर चुके हैं.
रिपोर्ट बताती है कि 9 जून से जम्मू क्षेत्र में बढ़ते आतंकवादी हमलों के बाद से सरकार नलिन प्रभात की नियुक्ति पर विचार कर रही थी. पिछले कुछ महीनों में हुए आतंकवादी हमलों में सुरक्षा बलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
तीन बार पुलिस वीरता पदक मिलानलिन प्रभात ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से BA (ऑनर्स) और MA की पढ़ाई की है. उन्हें तीन बार पुलिस वीरता पदक दिया जा चुका है. अपने पूर्व कैडर राज्य आंध्र प्रदेश के विशेष नक्सल विरोधी पुलिस बल 'ग्रेहाउंड्स' का भी नलिन नेतृत्व कर चुके हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि, प्रभात ने स्वेच्छा से इसमें शामिल होने के लिए सहमति जताई थी और इसमें "असॉल्ट कमांडर" के तौर पर काम किया था. 2018-19 में उन्होंने ग्रेहाउंड्स का नेतृत्व भी किया था. उनके पास आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है.
प्रभात ने अपना अधिकांश करियर कॉन्फ्लिक्ट ज़ोन में बिताया है. वे आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के अलावा कश्मीर और लद्दाख में भी लंबे समय के लिए रहे हैं. उन्होंने 1998 से 2004 के बीच करीमनगर और वारंगल में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम किया. करीमनगर और वारंगल दोनों ही उस समय नक्सल प्रभावित जिलों में से एक थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रभात ने ही करीमनगर में कोयूर मुठभेड़ के दौरान पुलिस टीम का नेतृत्व किया था. इसमें तत्कालीन सीपीआई(एमएल) के पीपुल्स वार ग्रुप की केंद्रीय समिति के तीन शीर्ष सदस्य मारे गए थे. इसी मुठभेड़ के बाद दिसंबर 2000 में इसने पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी का गठन किया था.
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आंध्र प्रदेश में कार्यकाल के बाद प्रभात को सेंट्रल डेप्यूटेशन पर भेज दिया गया था. उन्होंने कमांडेंट के रूप में ITBP के साथ श्रीनगर और लद्दाख में काम किया. 2007 में प्रभात ने सीआरपीएफ में डीआईजी (दक्षिण कश्मीर) के रूप काम किया, और तीन साल तक इस क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों की निगरानी की. इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ के बस्तर में सीआरपीएफ के साथ कुछ समय के लिए काम किया. फिर श्रीनगर लौट आए, जहां उन्होंने तीन साल तक फोर्स के साथ काम किया.
श्रीनगर से प्रभात को महाराष्ट्र में आईजी (नक्सल विरोधी अभियान) के रूप में पोस्टिंग पर भेजा गया. इस दौरान उन्होंने गढ़चिरौली में अपनी सेवाएं दीं. अप्रैल 2013 में उन्हें सीआरपीएफ के अभियानों का नेतृत्व करने के लिए श्रीनगर वापस लाया गया. 2023 की शुरुआत में फिर से कश्मीर भेजे जाने से पहले वे दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय में एडीजी बने थे.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट बताती है कि दंतेवाड़ा में माओवादियों द्वारा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) पर किए गए हमले के बाद बनी ई राममोहन कमेटी की रिपोर्ट आई थी, और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी हुई थी. रिपोर्ट के आधार पर CRPF ने कार्रवाई करते हुए उप महानिरीक्षक नलिन प्रभात और दो अन्य अधिकारियों को पद से हटा दिया था. नलिन को दो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पदक, पुलिस पदक और उत्कृष्ट सेवा के लिए बार एवं पुलिस पदक जैसे पुरस्कार दिए जा चुके हैं.
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