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'अल्लाह का कानून...', सिडनी गोलीकांड के आरोपी नावेद का 6 साल पुराना वीडियो वायरल

Sydney Bondi Beach Shooting: वीडियो 6 साल पुराना बताया जा रहा है. जब Naveed Akram की उम्र कोई 17 या 18 साल रही होगी. इस वीडियो में वह इस्लाम धर्म का प्रचार करते हुए नजर आ रहा है.

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सोशल मीडिया पर नावेद अकरम का वीडियो वायरल है (फोटो: X)

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो सिडनी के बोंडी बीच पर गोलीबारी करने वाले कथित हमलावर नावेद अकरम (24) का है. वीडियो 6 साल पुराना बताया जा रहा है. जब नावेद की उम्र कोई 17 या 18 साल रही होगी. इस वीडियो में वह इस्लाम धर्म का प्रचार करते हुए नजर आ रहा है.

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ऑस्ट्रेलियाई मीडिया संस्थान 'द ऑस्ट्रेलियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीडियो को साल 2019 में रिकॉर्ड किया गया था. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो नावेद अकरम का है. वीडियो में 17 साल का अकरम, साउथ सिडनी की सड़कों पर इस्लाम का प्रचार करते हुए देखा जा सकता है. वह लोगों से यह मैसेज फैलाने की अपील करता है कि ‘अल्लाह ही एक’ है. वीडियो में अकरम कथित तौर पर कहता है,

इंशाल्लाह, यह आपको क़यामत के दिन बचाएगा.

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हालांकि, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में हिंसा भड़काने जैसी कोई बात नहीं की गई है.

एक दूसरे वीडियो में अकरम मुसलमानों से ‘प्रार्थना करने और अल्लाह के प्रति अपने दायित्व को पूरा करने’ की अपील करते हुए दिखाई दे रहा है. वह कथित तौर पर कहता है,

अल्लाह का कानून... आपके द्वारा किए जाने वाले किसी भी दूसरे काम या पढ़ाई से कहीं ज्यादा जरूरी है. मैं इस बात पर जितना जोर दूं उतना कम है.

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इन वीडियोज़ के सामने आने के बाद ASIO ने नावेद पर नजर रखनी शुरू कर दी. ASIO यानी ‘ऑस्ट्रेलियन सिक्योरिटी इंटेलीजेंस ऑर्गनाइजेशन’. यानी एजेंसी की पिछले 6 सालों से नावेद पर नज़र थी. सिडनी में ISIS आतंकी सेल से कथित संबंधों को लेकर भी नावेद और उनके पिता साजिद के खिलाफ जांच चल रही थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, छह महीने की जांच के बाद, इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि वह कट्टरपंथी बन गए थे, इसलिए उन्हें ‘टेररिस्ट वॉच लिस्ट’ में नहीं रखा गया.

हालांकि, दोनों के खिलाफ जांच जारी रही. इस जांच के बीच ही कथित तौर पर नावेद ने अपने पिता के साथ मिलकर निहत्थों पर गोलियां चला दी. इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलिया पर आरोप भी लगाया कि यहूदियों पर हमले का एक कारण खुद वहां की सरकार भी है. 

बेंजामिन का आरोप है कि ऑस्ट्रेलिया में खुले आम यहूदी विरोधी हरकतें होती हैं, लेकिन फिर भी सरकार उनके खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लेती. हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री इन आरोपों को बेबुनियाद बता चुके हैं.

हमले में घायल होने के बाद से नावेद कोमा में था. news.com.au की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 तारीख की दोपहर 48 घंटों बाद वो कोमा से बाहर आया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी ने बताया कि, 

इस बात की पुष्टि हो गई है कि पिछले महीने आरोपी बाप-बेटे फ़िलीपींस गए थे. लेकिन, वो वहां क्यों गए थे, उनका उद्देश्य क्या था और वहां जाकर किन जगहों का दौरा किया, इन सब बातों की फिलहाल जांच चल रही है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी बताया गया कि नावेद के नाम पर जो गाड़ी रजिस्टर्ड है, उसमें आईडी और ISIS के झंडे भी पाए गए हैं.

15 लोगों की मौत

14 दिसंबर की दोपहर ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच में लोग यहूदी त्योहार हनुक्का सेलिब्रेट करने के लिए इकट्ठा हुए थे. तभी कथित तौर पर नावेद और उसके पिता साजिद ने लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं. इसमें 40 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे और 15 लोगों की मौत हो गई थी. खुद साजिद को भी मार दिया गया था. कई लोग इसे आतंकी हमला बता रहे हैं और कुछ, यहूदियों के खिलाफ टारगेटेड अटैक बता रहे हैं.

हमले के तुरंत बाद नावेद को पकड़ लिया गया था. इस पूरे हादसे में अहमद अल अहमद नाम के शख्स का भी खूब ज़िक्र हो रहा है. अहमद ने अपनी जान की परवाह किए बिना हमलावर से बंदूक छीन ली थी. इस घटना में वो खुद भी घायल हो गए थे. उन्हें 2 गोलियां लगी थीं. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. 

वीडियो: दुनियादारी: ऑस्ट्रेलिया में 15 जिंदगी लेने वाले आतंकी हमले के पीछे कौन?

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