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हरियाणा के 19 साल के गैंगस्टर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस, कौन है योगेश कादयान?

इंटरपोल की वेबसाइट के मुताबिक़, योगेश कादयान पर हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश और प्रतिबंधित हथियार रखने के लिए आर्म्स ऐक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं.

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19 साल का है गैंग्सटर योगेश कादयान. (फोटो - इंडिया टुडे)

इंटरपोल ने हरियाणा के 19 साल के एक गैंगस्टर के ख़िलाफ़ 'रेड कॉर्नर नोटिस' जारी किया है. रेड कॉर्नर नोटिस या रेड नोटिस, दुनिया भर की पुलिस को वॉन्टेड अपराधियों के बारे में सचेत करता है. 'डॉन का इंतज़ार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है' – इसका मतलब है डॉन के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ होगा. अमूमन उन अपराधियों के लिए रेड नोटिस निकाला जाता है, जिन पर कोई मुक़दमा चल रहा हो या उन्हें सज़ा सुनाई जा चुकी हो.

इस गैंगस्टर का नाम है, योगेश कादयान. इंटरपोल की वेबसाइट के मुताबिक़, उस पर हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश और प्रतिबंधित हथियार रखने के लिए आर्म्स ऐक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं. इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि योगेश कादयान भारत से भागकर अमेरिका में शरण ले चुका है. गैंगस्टर-आतंकवादी नेटवर्क पर NIA की कार्रवाई के बाद कई गैंगस्टर या तो अंडरग्राउंड हो गए हैं या नक़ली पासपोर्ट के ज़रिए भारत से भाग गए हैं. आशंका है कि कादयान भी फ़र्ज़ी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर भाग गया होगा.

योगेश कादयान झज्जर ज़िले के बेरी गांव का रहने वाला है. शार्प शूटर है और आधुनिक हथियार चलाने में एक्सपर्ट है. गैंगवॉर की कई घटनाओं में शामिल रहा है. बताया जाता है कि कादयान 'दिल्ली के दाऊद' नाम से मशहूर नीरज बवाना के क़रीबी गैंगस्टर के साथ जुड़ा हुआ है. ये सब लॉरेंस बिश्नोई गैंग के विरोधी बंबीहा गैंग के सिंडिकेट के हिस्से हैं. बंबीहा बनाम गोल्डी की रंजिश के चलते ही पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गई थी.  

कनाडा-भारत के तनाव के बीच…

भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव के बीच इस ख़बर का आना दोनों देशों के लिए अच्छा संकेत नहीं है. जब से कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने 'ख़ालिस्तानी आतंकी' हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों पर संलिप्तता के आरोप लगाए हैं, तभी से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध ख़राब हो गए. निज्जर एक कनाडाई नागरिक था और 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूक़धारियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए ख़ारिज कर दिया था.

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इस बीच, अमेरिका ने निज्जर की हत्या की गहन जांच का समर्थन किया है और अंतरराष्ट्रीय क़ानून, संप्रभुता और गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांतों का पालन करने के लिए कहा है.