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डॉनल्ड ट्रंप ने लिया ऐसा फैसला, NASA पर संकट आ गया, 2000 कर्मियों की नौकरी जाने वाली है

NASA Layoffs: NASA में 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. इनमें से ज्यादातर कर्मचारी किसी न किसी बड़े मिशन से जुड़े हैं.

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(फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी NASA में 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. इनमें से ज्यादातर कर्मचारी किसी न किसी बड़े मिशन से जुड़े हैं. बताया जा रहा है कि डॉनल्ड ट्रंप सरकार द्वारा NASA के फंड में की गई कटौती की वजह से कर्मचारियों की नौकरी पर ये संकट आया है.

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अमेरिकी मीडिया संस्थान पॉलिटिको की एक रिपोर्ट में आंतरिक दस्तावेजों के आधार पर यह दावा किया गया है. इसके मुताबिक, NASA के कुल 2,145 सीनियर कर्मचारियों की नौकरी जाने वाली है. ये वे कर्मचारी हैं जो GS-13 से GS-15 रैंक में आते हैं. यह सीनियर रैंक हैं और इन पदों पर बैठे लोगों के पास खास तकनीकी कौशल या मैनेजमेंट की जिम्मेदारी होती है.

इनमें से करीब 1,818 कर्मी साइंस, मानव अंतरिक्ष उड़ान आदि जैसे किसी न किसी मिशन से जुड़े कामों में लगे हैं. अन्य कर्मी एडमिनिस्ट्रेशन, IT, फाइनेंस या मैनेजमेंट जैसे सपोर्ट रोल में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक NASA ने इन कर्मचारियों को अर्ली रिटायरमेंट, वॉलंटरी बायआउट और डिफर्ड रेजिग्नेशन (कुछ महीनों बाद छोड़ने की अनुमति) जैसे ऑप्शन दे दिए हैं.

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एजेंसी की प्रवक्ता बेथानी स्टीवंस ने रॉयटर्स को दिए बयान में कहा, 

NASA अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत कर रहा है, भले ही उनके पास पहले की तुलना में कम बजट हो. वे सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि अमेरिका अंतरिक्ष की खोज में अग्रणी बना रहे और चांद और मंगल ग्रह पर अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा सके.

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बता दें कि वाइट हाउस ने NASA का 2026 का बजट 25% घटाने का प्रस्ताव दिया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि उसके बाद 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है.

NASA के ये सेंटर सबसे ज्यादा प्रभावित

पॉलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, NASA के इन सेंटरों पर इतने कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा हैः-

- गोडार्ड (मैरीलैंड): 607 

- जॉनसन (टेक्सास): 366

- कैनेडी (फ्लोरिडा): 311

- NASA हेडक्वॉर्टर (वाशिंगटन): 307

- लैंग्ली (वर्जीनिया): 281

- मार्शल (अलबामा): 279

- ग्लेन (ओहियो): 191

इन सेंटरों में चंद्रमा और मंगल जैसे मिशनों की तैयारी होती है. इतने अनुभवी लोगों का एकसाथ जाना NASA की कई ज़रूरी और अहम योजनाओं को झटका दे सकता है. खासकर तब जब मिशन चंद्रमा के लिए 2027 और मंगल के लिए भविष्य की तारीखें तय हैं.

क्या इनकी नौकरी बच भी सकती है? 

वाइट हाउस के बजट प्रस्ताव को अमेरिकी संसद (कांग्रेस) को पास करना होगा. अगर कांग्रेस इसे खारिज करती है तो कुछ राहत मिल सकती है. मार्च में ऊपरी सदन - सीनेट - की एक कमेटी ने संकेत दिया था कि वह NASA स्टाफ को बनाए रखना चाहती है. वहीं अगर कांग्रेस की ओर से इन कटौतियों को लागू किया जाता है तो एजेंसी को 1960 के दशक की शुरुआत के बाद से सबसे कम बजट और कर्मचारियों के साथ काम करना पड़ेगा.

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