सोशल मीडिया पर रेलवे टिकटों में छूट को लेकर एक दस्तावेज शेयर किया जा रहा है. इसके आधार पर दो तरह के दावे किए गए हैं. कुछ लोगों ने कहा है कि रेलवे एक नई योजना लेकर आ रहा है, जिसमें अब कुल 53 श्रेणी के यात्रियों को टिकट किराए में छूट दी जाएगी.
1 जुलाई से ट्रेन किराये में छूट मिलने लगेगी? जानिए पूरा सच!
सोशल मीडिया पर वायरल मामले में कितना सच और कितना झूठ है? सब जानिए!

वहीं कुछ यूजर्स का कहना है कि आगामी एक जुलाई से सरकार वृद्ध यात्रियों को किराया में छूट देने वाली स्कीम को फिर से शुरु करने जा रही है.
सुभाष जी रेल यात्री परिषद नामक एक यूजर ने लिखा,
“रेल विभाग टिकटों पर छूट देने की सेवा एक जुलाई 2022 को फिर से शुरु करने जा रहा है. इसके तहत 60 वर्ष या इससे ऊपर की उम्र वाले पुरुषों को किराया में 40 फीसदी और 58 वर्ष या इससे ऊपर की उम्र वाली महिलाओं को 50 फीसदी की छूट मिलेगी.”
इसी तरह '@udayssankar' नामक एक अन्य यूजर ने ट्वीट कर रेल किराया में छूट देने वाली योजना को फिर से शुरु करने के लिए रेल मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है.
इंडिया अहेड (India Ahead) नामक एक न्यूज वेबसाइट ने इस संबंध में एक खबर भी प्रकाशित की है कि एक जुलाई 2022 से अलग-अलग श्रेणी के लोगों को रेलवे टिकटों में छूट मिलने लगेगा. हालांकि कुछ यूजर्स ने इसकी सत्यता पर सवाल भी उठाया और रेल मंत्रालय से इस पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.
रेलवे की किराया राशि पर कुछ विशेष तरह के लोगों को छूट देने की योजना नई नहीं है. पिछले कई सालों से रेलवे कुल 53 श्रेणी के यात्रियों को 25 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक की छूट देता है. इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. जो भी यात्री इस योजना के तहत छूट प्राप्त करना चाहता है, उसे संबंधित सर्टिफिकेट जमा कराना होता है, जिसके बाद रेलवे उनके टिकट राशि को कम कर देता है. यह रियायत केवल मूल किराया (Basic Fare) पर लागू होती है.
इसके तहत विकलांग यात्रियों, मरीजों (कैंसर, हार्ट, किडनी, थैलीसीमिया, टीबी, एड्स इत्यादि), वरिष्ठ नागरिकों, अवॉर्ड प्राप्त करने वालों, युद्ध में शहीद हुए जवान की पत्नी, कुछ विशेष श्रेणी के छात्रों और किसानों, कलाकारों तथा खिलाड़ियों, मेडिकल प्रोफेशनल्स एवं अन्य को ये लाभ दिया जाता है.
इसकी पूरी सूची इस लिंक पर जाकर देखें.
कोरोना के दौरान लगी रोकहालांकि कोरोना महामारी के दौरान इस योजना पर रोक लगा दी गई थी. रेलवे ने 19 मार्च 2020 को एक आदेश जारी कर कहा कि विकलांग श्रेणी में चार और मरीजों तथा छात्रों की श्रेणी में 11 तरह के यात्रियों को छोड़कर बाकी सभी के लिए अगले आदेश तक इस योजना पर रोक लगाई जाती है.
रेलवे की दलील थी कि चूंकि कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते बहुत कम ट्रेनें चल रही हैं, इसलिए इस सेवा को जारी रखने से विभाग को काफी घाटा हो जाएगा.
हालांकि कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं और स्थिति पहले जैसी भयावह नहीं है और लगभग सभी ट्रेनें भी चलने लगी हैं, इसलिए यह मांग उठ रही है कि किराये में छूट की योजना को फिर से चालू किया जाना चाहिए.
क्या एक जुलाई से फिर शुरु होगी?अभी तक तो नहीं. भारतीय रेल के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) और अतिरिक्त महानिदेशक राजीव जैन ने द लल्लनटॉप को बताया कि फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है, जिसके तहत एक जुलाई से रेल टिकटों में छूट वाली व्यवस्था को फिर से शुरु किया जाए.
उन्होंने कहा,
'रेलवे टिकटों में छूट वाली स्कीम को एक जुलाई को फिर से शुरु करने वाली खबरें गलत हैं.'
इसके अलावा चार दिन पहले भी एक ट्विटर यूजर के इस सवाल पर विभाग ने कहा था कि सभी 53 श्रेणी के यात्रियों को किराया छूट देने की योजना अभी नहीं चल रही है.
रेलवे सेवा ने कहा,
'फिलहाल दिव्यांगजनों की 4 श्रेणियों, मरीजों और छात्रों की 11 श्रेणियों को रियायत दी जा रही है.'
करीब एक महीने पहले ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि वरिष्ठ नागरिकों को किराये में छूट नहीं दी जा सकती क्योंकि रेलवे पहले से ही रियायती दर पर काम कर रहा है.
19 मई 2022 को आईआईटी मद्रास में पत्रकारों से बातचीत के दौरान रेलमंत्री ने कहा था,
"हर 100 रुपये के खर्च पर रेलवे को यात्रियों से सिर्फ 45 रुपये की कमाई होती है. हमें रेलवे को परिवहन का एक स्थायी साधन बनाए रखने में योगदान देना होगा."
हालांकि सीपीआई सांसद बिनॉय विस्वाम में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर मांग की है कि वृद्ध यात्रियों को किराया छूट दिया जाना चाहिए और पुरानी योजना फिर से शुरु की जाए.