बीते कई दिनों से देश में मोका साइक्लोन (Cyclone Mocha) की चर्चा है. साइक्लोन मतलब चक्रवात, एक तरह का तूफान. भारत का मौसम विभाग (IMD) करीब एक हफ्ते पहले से इस चक्रवात की संभावना जता रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक 10 मई को ये आकार लेगा. इसी तूफान के लिए ‘मोका’ नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है.
कॉफी के लिए मशहूर था शहर, अब तूफान को सेम पिंच करेगा
तूफान बंगाल की खाड़ी की तरफ से आ रहा है और उसका नाम अरब सागर की ओर से.

IMD की ओर से 9 मई को दी गई मौसम की जानकारी में बताया गया,
"कल (8 मई) का लो प्रेशर एरिया दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे हुए दक्षिणी अंडमान सागर पर था, वो लो प्रेशर एरिया अल्प दबाव का क्षेत्र आज एक सुस्पष्ट (वेल मार्क्ड) लो प्रेशर एरिया में बदल चुका है. इस लो प्रेशर एरिया के क्षेत्र के आज (9 मई) शाम तक डिप्रेशन में तब्दील होने की पूरी संभावना है. उसके बाद ये डिप्रेशन आगे उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए कल (10 मई) शाम तक एक चक्रवातीय तूफान में बदल सकता है."
आगे बताया गया,
क्या असर डालेगा मोका चक्रवात?“इसके बाद 11 मई से फिर ये अपना ट्रैक बदल सकता है. वहां से ये फिर उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में बढ़ते हुए बांग्लादेश-म्यांमार तट की तरफ बढ़ जाएगा.”
मौसम विभाग ने कहा है कि इसके चलते अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर अगले तीन दिनों को भारी से बहुत भारी बारिश होगी. इसके मद्देनजर शिपिंग और पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को 9 से 12 मई तक रेगुलेट करने की सलाह दी गई है. अब मौसम विभाग ने जिस चक्रवात की संभावना जताई है, अगर वो 10 मई बनता है, तो उसे मोका नाम से पुकारा जाएगा.
ये नाम मध्यपूर्व एशिया के एक देश यमन ने दिया है. 'मोका' यमन का एक शहर है, जिसे मोखा भी कहते हैं. ये शहर अपने कॉफी व्यापार के लिए जाना जाता है. इसी के नाम पर 'मोका कॉफी' का भी नाम पड़ा. अगर तूफान वाकई उठ गया, तो कुछ वक्त के लिए धरती पर दो मोका हो जाएंगे. एक बसाहट और एक तूफान.
अब आप सोच रहे होंगे कि यमन ने चक्रवात का नामकरण क्यों किया? दरअसल, यमन उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए बनाए गए WMO/ESCAP पैनल का सदस्य देश है. इस पैनल में 13 देश शामिल हैं. यहां WMO विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organisation) है. ESCAP का फुल फॉर्म Social Commission for Asia and the Pacific है.
चक्रवातों को नाम कैसे मिलता है?इस पैनल में शामिल 13 सदस्य देश हैं- बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन. ये देश उत्तर हिंद महासागर यानी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर बनने वाले चक्रवातों के लिए नाम तय करते हैं.
सदस्य देशों की ओर से चक्रवातों के लिए तय किए गए नाम का बारी-बारी से नंबर आता है. चक्रवातों के लिए नाम तय करने के भी कुछ नियम बनाए गए हैं, जैसे, नाम छोटा, उच्चारण करने में आसान होना चाहिए और किसी के लिए अपमानजनक नहीं होना चाहिए.
तूफानों या चक्रवातों के नामकरण की वजह ये है कि टेक्निकल टर्म याद रखना आसान नहीं होता. चक्रवात की पहचान और चक्रवात को लेकर चेतावनी संदेश जारी करने के लिए उसे आसान नाम दिया जाता है. चक्रवातों के नाम की लिस्ट पहले से ही तैयार कर ली जाती है. जैसे, अप्रैल 2020 में 169 नामों की लिस्ट आई थी. उसी लिस्ट से इस बार यमन द्वारा सुझाए गए ‘मोका’ नाम को लिया गया है.
वीडियो: उत्तरी ओडिशा और बंगाल के तटों से टकराने वाले चक्रवात ‘यास’ का नाम कैसे पड़ा?