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सैनिकों की याद में बनी अमर जवान ज्योति इंडिया गेट से शिफ्ट की जा रही है?

जानिए, सरकार ने विपक्ष पर क्या आरोप लगाए?

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केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति को अब इंडिया गेट की जगह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलाने का फैसला किया है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट (India Gate) की पहचान अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पर जलेगी. शुक्रवार 21 जनवरी को इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा. सैन्य अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा
, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रक्षा स्टाफ प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे. इसी कार्यक्रम में अमर जवान ज्योति का युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा. अमर जवान ज्योति को कब जलाया गया था? इंडिया गेट को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों की याद में बनवाया गया था. इसके बाद 1972 में यहां अमर जवान ज्योति को जलाया गया था. इसे 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की याद में जलाया गया था. 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन किया था. नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था. यह 40 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. आजतक से जुड़े अभिषेक भल्ला की रिपोर्ट के मुताबिक जब प्रधानमंत्री ने वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था, उस समय ही यह निर्णय लिया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी. तब यह भी कहा गया था कि 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने पर अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल पर शिफ्ट किया जाएगा. बीते महीने यानी दिसंबर 2021 में बांग्लादेश युद्ध को 50 साल पूरे हुए हैं.
National War Memorial
नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन करते पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
सेना का क्या कहना है? एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक
अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि दो जगहों पर लौ (मशाल) का रख रखाव करना काफी मुश्किल हो रहा है. सेना के अधिकारियों का यह भी कहना है कि अब जबकि देश के शहीदों के लिये नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया है, तो फिर अमर जवान ज्योति पर क्यों अलग से ज्योति जलाई जाती रहे. इनके मुताबिक नेशनल वॉर मेमोरियल में सारे शहीदों के नाम हैं, शहीदों के परिवार के लोग यहीं आते हैं. ऐसे में अमर जवान ज्योति को भी यहीं शिफ्ट करना सही रहेगा. राहुल गांधी ने साधा निशाना अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से शिफ्ट करने के फैसले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में लिखा,
"बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते, कोई बात नहीं. हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!"
सरकार ने दी सफाई राहुल गांधी के हमले के बाद केंद्र सरकार की तरफ से अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने पर सफाई दी गई है. इंडिया टुडे के हिमांशु मिश्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक
भारत सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अमर जवान ज्योति को लेकर गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. लौ बुझाई नहीं जा रही है, बल्कि इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय किया जा रहा है.
सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है,
यह बेहद अजीब था कि अमर जवान ज्योति की लौ तो 1971 व अन्य युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रही थी, लेकिन उनमें से किसी शहीद का नाम वहां नहीं था...इंडिया गेट पर जो नाम लिखे हैं, वे भी सिर्फ प्रथम विश्व युद्ध में जान गंवाने वाले एंगलो-इडियन शहीदों और एंगलो-अफगान वार के शहीदों के हैं और इस तरह यह ब्रिटिश काल की गुलामी के प्रतीक की तरह है. दूसरी तरफ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उन सभी भारतीय शहीदों के नाम लिखे हैं जिन्होंने न सिर्फ 1971 बल्कि उसके पहले और बाद के युद्धों में भी बलिदान दिया. ऐसे में लौ को युद्ध स्मारक में ले जाना सभी शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है.
इंडिया टुडे के मुताबिक सरकारी सूत्रों का यह भी कहना है कि यह बेहद अचंभित करने वाली बात है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वो अब अमर जवान ज्योति को लेकर विलाप कर रहे हैं. जबकि अब सही मायने में शहीदों को सही जगह पर श्रद्धांजलि दी जा रही है.