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शहीद अमन कुमार सिंह के पिता बोले- एक शहादत के बदले 18 सिर चाहता हूं

कहा- छोटे बेटे को भी आर्मी में भेजने के लिए तैयार.

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अमन कुमार सिंह ने 2014 में इंडियन आर्मी जॉइन की थी. पिता से कहा था कि जुलाई में लौटकर उनके दिल की बीमारी का इलाज कराएंगे. (फोटो-इंडिया टुडे)
15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इसमें 20 जवान शहीद हो गए. इन जवानों में बिहार रेजिमेंट के समस्तीपुर जिले के अमन कुमार सिंह भी शामिल थे. मंगलवार की रात 9 बजे शहीद के पिता सुधीर सिंह के मोबाइल पर लद्दाख से उनके बेटे के शहीद होने की जानकारी दी गई. बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही पूरा परिवार शोक में डूब गया. बिहार के समस्तीपुर के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के गांव सुल्तानपुर के रहने वाले  25 साल के शहीद अमन सिंह अपने पीछे पत्नी मीनू देवी, पिता सुधीर कुमार, माता रेणु देवी और दो भाइयों और एक बहन को छोड़ गए हैं. क्या बोले पिता? अमन ने 2014 में इंडियन आर्मी जॉइन की थी. फरवरी 2019 में उनकी शादी हुई थी. इस साल फरवरी में लेह-लद्दाख क्षेत्र में उनकी तैनाती हुई थी. उनके पिता ने बताया कि अमन लेह-लद्दाख में नई पोस्टिंग लेने से पहले आठ दिनों के लिए घर आया था. उन्होंने कहा,
मुझे कल रात सेना की तरफ से फोन आया. फोन से मेरे बेटे की शहादत की खबर मिली. मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने अपना जीवन ड्यूटी करते हुए न्योछावर कर दिया. मेरे भीतर गुस्से की भावना है. सीमा पर शहीद हुए हर एक सैनिक के बदले 18 सिर चाहता हूं. मैं अपने छोटे बेटे को भी मातृभूमि की सेवा के लिए सेना में भेजने को तैयार हूं.
जुलाई में आने का किया था वादा अमन की मां रेणु देवी ने कहा कि हाल-चाल जानने के लिए अमन को फोन करते थे, लेकिन कभी-कभी बात होती थी. अक्सर नहीं. दो जून को उन्होंने आखिरी बार अपनी मां से फोन पर बात की थी. शहीद अमन की मां ने कहा,
मैंने 2 जून को बात की. बताया कि वह ठीक हैं. अपने परिवार को नियमित रूप से फोन नहीं करते थे. लेह-लद्दाख रवाना होने से पहले, अमन ने अपने पिता से जुलाई में वापस आने और दिल की बीमारी के लिए दिल्ली में इलाज कराने का वादा किया था.
  अमन के बड़े भाई दिल्ली में एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं. सबसे बड़ी बहन बिहार पुलिस में हैं. छोटा भाई अपने माता-पिता के साथ रहता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबाक, समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर में 55 से 60 प्रतिशत युवक डिफेंस की नौकरी करते हैं. अमन कुमार जिस गांव में रहते थे, उस गांव के 40 फीसदी युवा डिफेंस की नौकरी में हैं.
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