मुझे कल रात सेना की तरफ से फोन आया. फोन से मेरे बेटे की शहादत की खबर मिली. मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने अपना जीवन ड्यूटी करते हुए न्योछावर कर दिया. मेरे भीतर गुस्से की भावना है. सीमा पर शहीद हुए हर एक सैनिक के बदले 18 सिर चाहता हूं. मैं अपने छोटे बेटे को भी मातृभूमि की सेवा के लिए सेना में भेजने को तैयार हूं.जुलाई में आने का किया था वादा अमन की मां रेणु देवी ने कहा कि हाल-चाल जानने के लिए अमन को फोन करते थे, लेकिन कभी-कभी बात होती थी. अक्सर नहीं. दो जून को उन्होंने आखिरी बार अपनी मां से फोन पर बात की थी. शहीद अमन की मां ने कहा,
मैंने 2 जून को बात की. बताया कि वह ठीक हैं. अपने परिवार को नियमित रूप से फोन नहीं करते थे. लेह-लद्दाख रवाना होने से पहले, अमन ने अपने पिता से जुलाई में वापस आने और दिल की बीमारी के लिए दिल्ली में इलाज कराने का वादा किया था.अमन के बड़े भाई दिल्ली में एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं. सबसे बड़ी बहन बिहार पुलिस में हैं. छोटा भाई अपने माता-पिता के साथ रहता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबाक, समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर में 55 से 60 प्रतिशत युवक डिफेंस की नौकरी करते हैं. अमन कुमार जिस गांव में रहते थे, उस गांव के 40 फीसदी युवा डिफेंस की नौकरी में हैं.
गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों की हिंसक झड़प पर PM मोदी ने क्या कहा?