लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए. इन शहीद जवानों में पश्चिम बंगाल के रहने वाले राजेश ओरांग भी थे. राजेश 16 बिहार रेजिमेंट के जवान थे और पिछले छह साल से सेना में थे. उन्हें मंगलवार को गंभीर रूप से घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. शाम को उनके परिवार को निधन की सूचना दी गई.
पिता रहते हैं बीमार राजेश के पिता बीमार हैं और काम करने में असमर्थ हैं. राजेश की एक बहन भी हैं, जो अविवाहित हैं. राजेश का पूरा परिवार उन पर ही निर्भर था. उनकी मां की तबीयत भी खराब है. वे सिर्फ रो रही हैं. राजेश 26 साल के थे. एक महीने पहले ही घर लौटने वाले थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते उन्हें वापस जाना पड़ा. राजेश के चचेरे भाई देवाशीष ओरांग ने मीडिया को बताया-
हमें उनके ऑफिस से एक कॉल आया, जिसमें हमें बताया गया था कि राजेश ओरांग नहीं रहे. बीते दिन लद्दाख में कुछ हुआ था. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शाम को हमें सूचित किया गया कि वो शहीद हो गए हैं.
राजेश आखिरी बार आठ महीने पहले घर आये थे. बहन की शादी के लिए तैयारियां कर रहे थे. उनके लौटने के बाद शादी की तारीख तय की जानी थी. राजेश के चचेरे भाई ने बताया,
उनके पिता बीमार हैं. उनकी बहन अविवाहित है. पूरा परिवार उन पर ही आश्रित था. परिवार पहले से ही आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा था. हम केंद्र सरकार से चाहते हैं कि परिवार की मदद की जाए.
राजेश ओरांग के चचेरे भाई देवाशीष ओरांग जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करते हैं.
वीडियो देखें: भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में तीन नहीं, बल्कि 20 जवान शहीद हुए