ये ऐसा बैग है, जो आपकी जाति बता देगा
ये बैग जाति का ठप्पा लगा रहे हैं. ऐसे में विवाद तो होना ही था.

जाति एक कलंक है. जातिवाद नहीं होना चाहिए. हम जाति की राजनीति नहीं करते. कान पक गए होंगे ये सुनते सुनते. मगर जाति ही अब भी वो सच है जिसके कंधों पर चढ़कर राजनीति होती है सत्ता के सपने सजाए जाते हैं. इस बार जाति की एक कहानी सरकारी कॉलेज से है. जो मध्य प्रदेश के मंदसौर में है. यहां एससी और एसटी स्टूडेंट्स को मुफ्त में बैग बांटे गए हैं. बैग बांटे गए ठीक, लेकिन उन बैग पर 'एस/एसटी स्कीम' लिखा है. मतलब जाति का ढिंढोरा पीटा गया है. ये बैग भले ही किसी के भले के लिए बंटे हो, लेकिन जाति का ढिंढोरा विवाद की वजह बन गया है, क्योंकि इससे आसानी से एससी और एसटी स्टूडेंट्स की पहचान हो सकती है. मंदसौर जिले के राजीव गांधी पीजी कॉलेज के पीजी और यूजी कोर्स के 600 एससी-एसटी स्टूडेंट्स में से करीब 250 को यह बैग दिए गए हैं. इस बैग में एक कैलकुलेटर, पैन और नोटबुक भी है. इन बैगों को लेकर विवाद तब खड़ा हुआ, जब सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीरें शेयर होने लगीं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कॉलेज के प्रिंसिपल बीआर नालव्या ने बताया, 'ये बैग वेलफेयर स्कीम के तहत बंटे हैं, अगर इस पर कुछ लिखा है तो क्या गलत है. अगर कुछ लोगों को इससे दिक्कत है तो मैं इस पर लिखे शब्द मिटा दूंगा. और स्कीम का नाम बैग पर सप्लायर ने लिखा है.' नालव्या अभी हाल ही में कॉलेज के प्रिंसिपल बने हैं. उन्होंने बताया कि अगस्त से बैग बंटने शुरू हुए थे. बाकी बचे बैग से एससी/एसटी लिखा हुआ मिटा दिया जाएगा. कांग्रेस ने इसको लेकर मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट करके कहा, 'आरएसएस संचालित मध्य प्रदेश सरकार ने साबित कर दिया की वह किस तरह से दलित और आदिवासी विरोधी है. एससी-एसटी स्टूडेंट्स को जिस तरह से जाति सूचक बस्ते बांटे गए, वह शर्मनाक है. बच्चों के बस्तों पर जिस तरह से जाति सूचक जानकारी छपवाई गयी है वह भारतीय जनता पार्टी की दलित-आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करती है. भाजपा किस तरह से एससी/एसटी को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है यह बस्ता इस बात का प्रमाण है.' मंदसौर से कांग्रेस सांसद रह चुकीं मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वो इसको लेकर प्रोटेस्ट करेंगी.