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वीडियो नहीं, पहली बार चाइना का एक एक्स-रे वायरल हो रहा है

बहन... बहन... बहन...

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फोटो - thelallantop
दिल्ली मेट्रो में एक्स रे मशीन तो देखी होगी न? दिल्ली में नहीं तो कहीं न कहीं तो देखी होगी. नहीं भी देखी है तो हम बता ही रहे हैं.
उसमें और हॉस्पिटल की एक्स रे मशीन में यही अंतर होता है कि एक में सामन डाला जाता है दूसरे में इंसान. मतलब वही अंतर जो माल गाड़ी और पैसेंजर ट्रेन में होता है.
आपको पता ही है कि पैसेंजर ट्रेन में माल तो ढोया जा सकता है लेकिन माल गाड़ी में पैसेंजर नहीं ढोया जाता. क्यूं? क्यूंकि माल गाड़ी की क्वालिटी खराब होती है. डिब्बों में सीटें नहीं होती. माल भी बेतरतीब से रखा होता है. ठीक उसी तरह हॉस्पिटल वाली एक्स रे मशीन में सामन डाल दिया जाए तो कोई बड़ी दिक्कत नहीं होनी (होने को डालना मत, मगर फिर भी!) लेकिन इसका उल्टा कर दो तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी. एक्स-रे से रेडियेशन निकलता है. नुकसान पहुंचा सकता है. अरे सर्दी ज़ुकाम नहीं पूरा शरीर का स्ट्रक्चर बदल सकता है. लोग तो कहते हैं कि अगर किस्मत खराब हुई तो आने वाली पीढ़ी तक में असर दिख सकता है. आखिर रेडियेशन होता ही इतना खतरनाक है. और इसको, इस रेडियेशन को, उतनी एहतियात से सामान स्कैन करने वाली मशीन में नहीं साधा जाता जितना इंसान स्कैन करने वाली मशीन में. लेकिन फिर माया और मोह जो न करवाए वो कम. और चाइना की इसी माया महाठगनी के मोह में एक महिला फंस गई.
गुआंगडोंग प्रांत के एक रेलवे स्टेशन में महिला इस स्कैनर के अंदर घुस गई. क्यूं घुस गई? क्यूंकि वो अपने सामन को खुद से जुदा नहीं करना चाह रही थी. भीड़ भरा इलाका कहीं खो-वो जाता तो?
अब कुछ लोग कह रहे हैं सही किया कुछ लोग कह रहे हैं ग़लत. मगर मौज लेने में कोई पीछे नहीं है. वीडियो देखिए. आई मीन महिला का एक्स रे स्कैन देखिए. और हां इसे घर पर या मेट्रो पर या कहीं पर भी ट्राई मत कीजिएगा. विशेषज्ञों की देख रेख में भी नहीं:
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