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इमरान खान की सबसे ज्यादा छीछालेदर तो उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान कर रही हैं!

रेहम खान ने इमरान खान के नाम को लीर-लीर कर दिया है.

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पाकिस्तान में उपजे सियासी संकट में इमरान की कुर्सी पर लगातार खतरा मंडरा रहा है. फोटो- आजतक
पाकिस्तान (Pakistan) में सियासी उथल-पुथल चरम पर है. इमरान खान सरकार के अल्पमत में आने के दावे किए जा रहे हैं. विपक्षी तो उनसे इस्तीफा मांग ही रहे हैं, सहयोगियों ने भी नेशनल असेंबली में हाथ खींच लिए हैं. इमरान खान (Imran Khan) भले ही मन में कह रहे हों कि अपने खिलाफ बातें वो अक्सर ख़ामोशी से सुनते हैं, जवाब देने का काम वक़्त को दे रखा है, लेकिन दिक्कत तो सारी वक्त की ही है, जो फिलहाल पाक पीएम का साथ नहीं दे रहा है. वक्त की मार तो इंसान झेल भी जाए, लेकिन अपनों की या कभी अपने रहे लोगों के हमले कैसे झेले! ऐसा इसलिए कह रहे क्योंकि यहां तो कभी हमसाया रहे लोग भी इमरान खान का साथ नहीं दे रहे. ज्यादा दूर क्या जाना, कभी इमरान खान के साथ जीने मरने की कसमें खाने वालीं उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान भी इस संकट में इमरान के लिए विलेन बन गई हैं. वो भी उनकी छीछालेदर करने में लगी पड़ी हैं.

पूर्व पत्नी ने खोला मोर्चा

रेहम खान ने इमरान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप भी एक दो नहीं, पूरी की पूरी झड़ी लगा दी है. पतझड़ में सुबह-सुबह आपकी गाड़ी पर जितने पत्ते गिरते होंगे, उससे कहीं ज्यादा आरोप एक दिन में इमरान पर लग रहे हैं. रेहम ने इमरान को इतिहास बता दिया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा,
"इमरान अब इतिहास बन चुके हैं. 'नया पाकिस्तान' के नाम पर जो भी गड़बड़ियां हुई हैं उन्हें ठीक करने पर अब हमें ध्यान देना होगा."
एक अप्रैल को ही रेहम ने कई ट्वीट्स करते हुए इमरान पर चौतरफा हमला किया. उन्होंने लिखा,
"इमरान खान ने एक काम बहुत अच्छा किया है, उन्होंने हर सेक्टर में बेवकूफ लोगों को ढूंढ़ निकाला है."
  इमरान ने एक बयान में कहा था कि उनके संकट के पीछे अमेरिका की भूमिका हो सकती है. हालांकि कहा जा रहा है कि उनकी जुबान फिसल गई थी. बहरहाल, अमेरिका ने इसको सिरे से खारिज कर दिया था. अब रेहम ने अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता की बात का समर्थन करते हुए कहा है,
"पाकिस्तान में सियासी हलचल को लेकर इमरान ने अमेरिका पर जो आरोप लगाए हैं उनमें कोई भी सच्चाई नहीं है."
इससे पहले रेहम नें NDTV से बात करते हुए कहा था कि इमरान खान का राजनीतिक कैरियर खत्म होने की कगार पर है. बीते दिन रेहम ने अपने पूर्व पति के खिलाफ ट्वीट्स की बारिश कर दी थी. इनमें उन्होंने इमरान के नाम को लीर-लीर कर दिया है. एक नजर डालते हैं.
"हां पाकिस्तान महान था जब इमरान खान प्रधानमंत्री नहीं थे."
"जिस आदमी के पास सबकुछ है, बस अक्ल नहीं." 
  रेहम ने US की तरफ से जारी किए गए लेटर को लेकर कहा,
"ये एक विडंबना है कि पाकिस्तान में चल रही सियासी गतिविधियों में बाहरी देश का हाथ बताकर पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती करवा रहे हैं पूर्व क्रिकेटर और चुने गए प्रधानमंत्री."
रेहम ने इमरान के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उनकी अंग्रेजी का भी मजाक उड़ाया. कहा,
"लगता है कोई अपने ट्वीट खुद लिख रहा है."
 

एक सफल पत्रकार हैं रेहम खान

48 साल की रेहम खान के पास ब्रिटेन की नागरिकता है. वो पेशे से पत्रकार हैं. बताया जाता है कि उन्होंने सोशियॉलजी की पढ़ाई की है. बाद में पत्रकारिता में आने का मन बनाया. इसमें पोस्ट ग्रैजुएशन करते हुए ही रेहम ने अपनी पहली जॉब की. बतौर पत्रकार उनका कैरियर सफल रहा. पढ़ाई के दौरान ही वो पाकिस्तान के लीगल टीवी के लिए बतौर प्रेजेंटेटर काम करने लगी थीं. उन्होंने पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार के लिए काम किया है. रेहम खान लेखिका और फिल्ममेकर भी हैं. वो एक पाकिस्तानी फिल्म 'जनान' को प्रोड्यूस भी कर चुकी हैं. ये फिल्म 2016 में रिलीज हुई थी.

कुछ ही महीनों में तलाक

इमरान खान से रेहम की शादी 2014 हुई बताई जाती है. इमरान ने जनवरी 2015 में इसका खुलासा किया था. लेकिन शादी लंबी नहीं चली. कुछ ही महीनों बाद अक्टूबर 2015 में दोनों का तलाक हो गया था. उसके बाद से ही रेहम, इमरान पर हमलावर रही हैं. इसी साल 2 जनवरी को रेहम ने ट्वीट कर बताया था कि उन पर जानलेवा हमले की कोशिश की गई है. रेहम की कार पर बाइक पर आए दो लोगों ने गोलीबारी की और उनकी गाड़ी छीन ली थी. उन्होंने इसके लिए इमरान खान सरकार को जिम्मेदार बताया था.

पाकिस्तान में इमरान की कुर्सी पर है 'खतरा'!

इमरान खान पाकिस्तान के पॉपुलर क्रिकेटर रह चुके हैं. उनकी अगुवाई में पाकिस्तान 1992 का वर्ल्ड कप जीत चुका है. क्रिकेटिंग कैरियर के साथ-साथ इमरान शुरू से सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी लेते थे. कैंसर अस्पताल खोले जाने का उनका काम पूरी दुनिया में सराहा गया. बाद में इमरान ने सियासत में एंट्री मारी. वो यहां भी सफल रहे. 2018 में इमरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने. हालांकि पूरे चुनाव की प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही थी. फिर भी इमरान के पीएम बनने को उस वक्त अच्छे बदलाव की तरह देखा जा रहा था. लेकिन अब साढ़े तीन साल बाद ही इमरान अकेले पड़ते दिख रहे हैं. पाकिस्तान में कोई लोकतांत्रिक सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई है. 'नया पाकिस्तान' बनाने का वादा करने वाले इमरान खान भी इस मिथक को तोड़ पाने में नाकाम होते दिख रहे हैं.