कोर्ट ने कहा ये तो खतरनाक है. हमने ये जरुर सुना है कि भगवान कृष्ण माखन चुराते थे. लेकिन ये कभी नहीं सुना कि माखन चुराने के लिए कलाबाजी भी करते थे.महाराष्ट्र में जमकर जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस मौके पर खूब ऊपर-ऊपर हांडी बांधी जाती है. छोटे-छोटे बच्चों को गोविंदा बनाकर ऊपर चढ़ा दिया जाता है क्योंकि वो हल्के होते हैं. मजे से चढ़ जाते हैं. लेकिन खतरा भी उतना ही होता है. उतने ऊपर से गिरेंगे तो सोचिए कितनी चोट लग सकती है. कुछ लोग गुस्सा भी हैं. फेसबुक वाले भी अपने लॉजिक दे रहे हैं. पर यार ये सोचो कि ऊंचाई से खतरा तो होता ही है. और बच्चों को तो और ज्यादा. त्यौहार अपनी जगह हैं लेकिन ऊंचाई से गिरने पर चोट तो लगेगी ही. हांडी तो बीस फुट में भी बंध जाती है. त्यौहार तो मन से मनते हैं.
ये तो कभी नहीं सुना कि भगवान कृष्ण माखन चुराने को कलाबाजी करते थे
सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है अब न 18 साल के नीचे के बच्चे गोविंदा बनेंगे न 20 फुट से ऊपर हांडी बंधेगी.
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Reuters
जन्माष्टमी आ रही है. महाराष्ट्र में जमकर मनाई जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मौके पर खोंड़सा कर दिया है. अब दही हांडी में 18 से कम उम्र के बच्चे भाग नहीं ले सकेंगे. साथ में जो मानव पिरामिड बनता है. उसकी हाइट 20 फीट से ज्यादा नहीं होगी. यही सेम चीज बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी कही थी, सुप्रीम कोर्ट ने यही बात आगे बढ़ाई है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के एक निर्देश को खारिज भी कर दिया. उसमें ऐसा कुछ था कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक प्रस्तुतियों में शामिल होने से रोकने के लिए कानून में संशोधन हो. कोर्ट ने उस ऑर्डर को भी रद्द-फद्द कर दिया जिसमें ‘गोविंदाओं’ के बर्थ सर्टिफिकेट पर लिखी जन्मतिथि को जांचने वाले अधिकारियों से 15 दिन पहले मंजूरी लेने की बात कही गई थी ताकि यह ये निश्चित हो कि कोई भी कम उम्र का बच्चा इसमें हिस्सा नहीं ले रहा.
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